मैसूर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (Siddaramaiah) ने शनिवार को वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 46,006 मतों के अंतर से पराजित कर जीत हासिल की। वह नौवीं बार विधायक चुने गए हैं। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, सिद्धरमैया (75) को 1,19,430 वोट जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी और प्रभावशाली लिंगायत नेता वी. सोमन्ना (V. Somanna) को 73,424 वोट मिले। बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार 1,075 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। पांच बार के विधायक और निवर्तमान राज्य आवास मंत्री सोमन्ना को पहली बार बेंगलुरु में उनके गोविंदराज नगर निर्वाचन क्षेत्र (Govindaraj Nagar constituency) से स्थानांतरित कर वरुणा सीट से कांग्रेस के मजबूत नेता के सामने चुनाव मैदान में उतारा गया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly elections) का यह परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ ‘‘जनादेश” है।
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी इस देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। सिद्धरमैया ने वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार वी सोमन्ना को हराकर चुनाव जीता। उन्होंने कहा कि अब उन्हें उम्मीद है कि गैर-भाजपा दल राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ आएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी गैर-भाजपा दल एक साथ आएंगे ताकि बीजेपी को हराया जा सके। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से, 100 प्रतिशत। यह नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के खिलाफ जनादेश है।
सिद्धरमैया ने कहा कि मोदी कर्नाटक आए और 20 रैलियों को संबोधित किया और ऐसा पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया था। कर्नाटक के लोगों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने भाजपा की ‘सांप्रदायिक राजनीति’ को खारिज कर दिया, जो राज्य के ‘‘धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के लिए खतरा” है। उन्होंने कहा कि राज्य में ‘‘नफरत और सांप्रदायिक राजनीति” चल रही थी, जिसे कर्नाटक के लोगों ने सहन नहीं किया। सिद्धरमैया ने दावा किया, ‘‘भाजपा ने धनबल से यह चुनाव जीतने की कोशिश की लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके।” उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोग राज्य में बदलाव चाहते थे क्योंकि वे भाजपा सरकार से तंग आ चुके हैं।