“विश्व पर्यटन दिवस” पर जानें क्यों जरूरी है घूमना-फिरना

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नवभारत डिजिटल टीम: रोजाना की दौड़भाग के जीवन से कुछ पल भर के लिए ही सही हमारा ट्रैवल करना हमारे मानसिक स्थिति के लिए एक बेहतर थेरेपी के जैसे काम करता है। इस लिए हमारा घूमना फिरना हमारे जिंदगी को और भी अच्छा और खुशहाल बनाने के लिए बेहद जरुरी है। आपको बता दें कि हर साल पुरे विश्व में 27 सितंबर को “विश्व पर्यटन दिवस” (World Tourism Day) मनाया जाता है। घूमना-फिरना हर किसी को पसंद है।

आपको बता दें कि यात्रा आपके नजरिए को बदल देती है। क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया कि लोग यात्रा क्यों करते हैं? आज हम आपको इसका जवाब देते है, दरअसल ट्रैवल आपको एहसास दिलाता है कि जीवन जीने का कोई एक तरीका नहीं है, उसे कई नए तरीकों से जीया जा सकता है। 

घूमना-फिरना क्यों जरूरी है 

दुनिया में चुनिंदा लोगों को छोड़ा जाए तो हर इंसान चाहता है कि वो घूमने जाएं और खुदको एक्सप्लोर करें। नई-नई जगह जाकर वहां की खूबसूरती को अपनी आंखों में कैद करें, वहां की संस्कृति के बारे में जानना लोगों को बेहद पसंद आता है। घूमना हमारे जीवन में नए रंग भरता है। 

टूरिज्म हर दुनिया के हर एक देश के आर्थिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए WTO की ओर से हर साल विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) मनाया जाता है। ताकि लोगों को पर्यटन संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दे सकें कि यह कितना आवश्यक है।  इस खास उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है। 

 

क्या है पर्यटन 

बता दें कि लोगों के जिंदगी और भी खास बनाने का काम पर्यटन करता है। भागदौड़ भरे जीवन में ख़ुशी का लम्हा जीने का अवसर पर्यटन हमें देता है। पर्यटन एक ऐसी सुखद यात्रा है जो आपके फुर्सत के लम्हों का एक सुखद व मनोरंजन से भरा हुआ अनुभव देता है। पर्यटन मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है क्योंकि मनुष्य किसी एक स्थान पर रहते-रहते ऊबने लगता है, उसे कहीं नई जगहों, क्षेत्रों, देशों में घूमना व नई चीजों को देखना देखने का मन करता है। नए क्षेत्रों पर भ्रमण कर मनुष्य अच्छा अनुभव करता है। 

विश्व पर्यटन दिवस का उद्देश्य, महत्व 

विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का एक मुख्य उद्देश्य है। इस उद्देश्य के तहत, विश्व में इस बात को प्रसारित तथा जागरूकता फैलाने के लिए हैं कि किस प्रकार पर्यटन वैश्विक रूप से, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक मूल्यों को बढ़ाने में, उनका विकास करने में तथा आपसी समझ बढ़ाने में सहायता करता है। 

भारत में न केवल गोवा, केरल, राजस्थान, उड़ीसा और मध्य प्रदेश में ही पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पर्यटन को भी अच्छा लाभ पहुंचा है।