Mallikarjun Kharge

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नई दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने मंगलवार (13 फरवरी, 2024) को बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगर आगे कांग्रेस (Congress) की सरकार चुनकर आती है तब वे लोग एमएसपी (MSP) की गारंटी देंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) के दौरान यह बात कही। कांग्रेस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम एवं ‘‘किलेबंदी” को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुद किसानों से बात कर उन्हें न्याय देना चाहिए।

हमारी पहली गारंटी MSP

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि लोगों को मोदी की ‘गारंटियों’ पर विश्वास नहीं करना चाहिए। खरगे ने कहा, ”अगर कांग्रेस केंद्र में (लोकसभा चुनाव के बाद) सत्ता में आती है, तो वह किसानों के हित में एमएसपी की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करेगी। यह हमारी पहली गारंटी है।”

‘दिल्ली चलो’ मार्च में शामिल किसानों की एक मांग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की है। खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं और केवल अपने लिए काम करते हैं।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीबों की पार्टी है जबकि भाजपा अमीरों की पार्टी है।

मोदी सरकार ने अन्नदाताओं से किए वादे तोड़े

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को किसानों के आंदोलन का समर्थन किया और आरोप लगाया कि सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए वादे तोड़ दिए और अब उनकी आवाज पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही है। किसान नेताओं और केंद्र के बीच बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद मंगलवार को किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। 

खरगे ने क्या कहा

खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “कंटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीले और बंदूक़ें… सबका है इंतज़ाम, तानाशाह मोदी सरकार ने किसानों की आवाज़ पर जो लगानी है लगाम !”  उन्होंने कहा, “याद है ना “आंदोलनजीवी” व “परजीवी” कहकर किया था बदनाम और 750 किसानों की ली थी जान।” खरगे ने आरोप लगाया, “10 वर्षों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने तीन वादे तोड़े हैं — 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी, स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक़ लागत और 50 प्रतिशत एमएसपी लागू करना और एमएसपी को क़ानूनी दर्जा।”  उन्होंने कहा, “हमारा किसान आंदोलन को पूरा समर्थन है। न डरेंगे, न झुकेंगे !”

जयराम रमेश ने लगाया ये आरोप 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि किसानों को प्रदर्शन करने से रोकना और उन्हें परेशान करना, मोदी सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘किसान आंदोलन के लिए कारण स्पष्ट हैं। चाहे वह पूंजीपतियों की मदद के लिए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करने की कोशिश हो अथवा तीन काले कृषि कानून लाना रहा हो, इन्होंने हर तरह से किसानों को नुक़सान पहुंचाने का प्रयास किया है।”   

रमेश ने दावा किया, ‘‘किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी भी आज तक नहीं मिली है। किसानों के लिए बाज़ार को कमज़ोर करने का कार्य किया गया है। यहां तक कि यह सरकार किसानों को उचित लागत मूल्य देने में भी विफल रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘ 2004-14 की अवधि में कांग्रेस सरकार के दौरान गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 126 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। अगर वर्तमान सरकार द्वारा किसानों को वही न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जाता, तो आज उन्हें 3277 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का मूल्य मिल रहा होता, जबकि मौजूदा समय में 2275 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है।”   

रमेश के मुताबिक, ‘‘किसान ऋण के दुष्चक्र में फंसते जा रहे हैं। वर्ष 2013 से किसानों के ऊपर क़र्ज़ में 60 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और इससे उनकी स्थिति बेहद ख़राब हो चुकी है।”   उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के तहत बीमा करवाने वाले लाखों किसानों को उनके क्लेम (दावे) के भुगतान में देरी की समस्या का सामना करना पड़ता है। सरकार के अपने ही आंकड़ों के मुताबिक़ ’21-22′ में लगभग 2761 करोड़ रुपये के दावे लंबित थे।”   

रमेश ने दावा किया, ‘‘2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के बड़े-बड़े दावों और भाषणों की आड़ में अन्नदाताओं की वास्तविकता को छुपाने की कोशिश की गई। हक़ीक़त यह है कि किसान एक सम्मानजनक जीवन भी नहीं जी पा रहे हैं। वे क़र्ज़ में डूबे हैं और उन्हें उनकी फ़सलों के नुक़सान के लिए बीमा की राशि भी नहीं मिल रही है।   

रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा 

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब भी इतिहास लिखा जाएगा, तब मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल को किसानों के खिलाफ क्रूरता, बर्बरता, दमन और दंशकाल के रूप में जाना जाएगा।” उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा की केंद्र सरकार तथा हरियाणा-राजस्थान-उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों ने देश की राजधानी दिल्ली को एक ‘पुलिस छावनी’ में तब्दील कर रखा है, जैसे कि किसी दुश्मन ने दिल्ली की सत्ता पर हमला बोल दिया हो।”

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या देश का अन्नदाता किसान न्याय मांगने देश की राजधानी दिल्ली में नहीं आ सकता? क्या किसान को दिल्ली की परिधि के सौ किलोमीटर तक भी आने की आजादी नहीं है? क्या सरकार यह मानती और सोचती है कि किसान दिल्ली की सत्ता पर आक्रमण करने आ रहा है या फिर जबरन सत्ता पर कब्जा करना चाहता है? देश की राजधानी को पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की छावनी में बदलने का क्या कारण है?”  सुरजेवाला ने यह भी पूछा, ‘‘देश का अन्नदाता प्रधानमंत्री और देश की सरकार से न्याय न मांगे, तो कहां जाए? तो क्या अब न्याय मांगने का कोई और रास्ता या तरीका है?”  उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि आदरणीय प्रधानमंत्री स्वयं किसानों से बात करें और उन्हें न्याय दें। ”