Mig 27 को IAF का आज आखिरी सलाम, कारगिल में रखी थी भारत कि लाज

नई दिल्ली:भारतीय वायुसेना का कौशल माना जाने वाला मिग-27 आज आखिरी बार आसमान में उड़ान भरेगा। 1980 के दशक में रूस से खरीदे गए इस विमान के साथ IAF की बहुत सी खास यादें जुडी हैं। IAF के वरिष्ठ

Loading

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना का कौशल माना जाने वाला मिग-27 आज आखिरी बार आसमान में उड़ान भरेगा। 1980 के दशक में रूस से खरीदे गए इस विमान के साथ IAF की बहुत सी खास यादें जुडी हैं। IAF के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जोधपुर एयरबेस से उड़ान के बाद आखिरी स्कॉड्रन के 7 लड़ाकू विमानों कोआज अलविदा कहा जाएगा। मिग-27 की बिदाई को लेकर IAF ने ट्वीट कर कहा कि "#AdieuMiG27 तीन दशक से अधिक की उल्लेखनीय सेवा के बाद, भारतीय वायु सेना का मिग-27 लड़ाकू विमान कल वायु सेना स्टेशन, जोधपुर से एक भव्य समारोह में डीकमीशन किया जा रहा है।"  

IAF ने मिग-27 को लेकर एक और ट्वीट किया जिसमे उन्होंने मिग-27 के कारनामों के बारे में बताया और कहा कि "भारतीय वायु सेना के बेड़े में 1985 में शामिल किया गया यह अत्यंत सक्षम लड़ाकू विमान ज़मीनी हमले की क्षमता का आधार रहा है। वायु सेना के सभी प्रमुख ऑपरेशन्स में भाग लेने के साथ मिग-27 नें 1999 के कारगिल युद्ध में भी एक अभूतपूर्व भूमिका निभाई थी।"

यह भारतीय वायुसेना का कौशल है जो वह अब तक पुराने सभी मिग विमानों को उड़ा रही थी। इनमें मिग-19, मिग-21 व मिग-27 सुपरसॉनिक विमानों का समावेश था। जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं तब भारत ने रूस से यह विमान खरीदे थे और उस समय 20 वर्ष की मैत्री संधि भी हुई थी। मिग से पहले भारत के पास नैट, हंटर (अजीत) व कैनबरा विमान थे। 1965 व 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों में छोटे नैट विमानों से ही दुश्मनों को मज़ा चखाया गया था। 

मिग विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने से भारतीय वायुसेना के कई पायलटों की मौत भी हुई हैं। इन कारणों की वजह से मिग विमानों को उड़ता ताबूत या फ्लाइंग कॉफिन भी कहा जाने लगा। इन विमानो को बंद करने की मांग होने लगी लेकिन इसके बावजूद इससे कई समय तक उड़ाया गया। मिग-27 को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लि. में अपग्रेड कर ‘बाइसन’ नाम भी दिया गया। आपको जानकारी के लिए बता दे कि भारतीय वायुसेना (IAF) में स्क्वाड्रन 29 एक मात्र ऐसी यूनिट है जो मिग 27 के अपग्रेड वैरिएंट का अब तक इस्तेमाल कर रही है। मिग सीरीज के अन्य वैरिएंट, मिग-23 BN और मिग-23 MF और विशुद्ध मिग 27 पहले ही भारतीय वायु सेना से रिटायर हो चुके हैं। 

मिग-27 के जाने के बाद IAF के पास अब रूस के सुखोई और फ्रांस के मिराज-2000 विमान हैं। साथ ही IAF ने अब फ्रांस का अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान भी भारत की रक्षा करने के लिए बुला लिया हैं। इसलिए दशकों पुराने मिग-27 को अब अलविदा कहा जा रहा हैं। इन विमानों को सेवा से पूरी तरह हटा दिया जाएगा। इससे पहले विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग-27 विमान से ही पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया था लेकिन अभिनंदन का विमान भी पीओके में गिर गया था। ऐसी कई दुर्घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए IAF ने यह फैसला लिया हैं।