नई दिल्ली: निर्भया रेप मामले में शनिवार को चारों दोषियों को फांसी की सज़ा होने वाली हैं। लेकिन अब एक बार फिर 31 वर्षीय दोषी अक्षय सिंह ने न्यायालय में क्यूरेटिव याचिका दायर कर दी हैं। उसने उच्चतम
नई दिल्ली: निर्भया रेप मामले में शनिवार को चारों दोषियों को फांसी की सज़ा होने वाली हैं। लेकिन अब एक बार फिर 31 वर्षीय दोषी अक्षय सिंह ने न्यायालय में क्यूरेटिव याचिका दायर कर दी हैं। उसने उच्चतम न्यायालय में आखिरी कानूनी उपाय का इस्तेमाल करते हुए अपनी फांसी को चुनौती दी है। अक्षय ऐसा करने वाला तीसरा दोषी है।क्यूरेटिव पिटीशन पर जजों द्वारा उनके चैंबर में सुनवाई किए जाने की उम्मीद है। क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद अक्षय सिंह के पास राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को दया याचिका भेजने का विकल्प होगा।
इससे पहले मुकेश सिंह और विनय शर्मा भी क्यूरेटिव पेटिशन दायर कर चुके है जो की न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई हैं। उच्चतम न्यायालय ने 2012 दिल्ली गैंगरेप के दोषी मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि विवाद में कोई योग्यता नहीं है, कथित यातना एक आधार पर नहीं हो सकती है, सभी दस्तावेजों को राष्ट्रपति के समक्ष रखा गया था और उन्होंने इसे ध्यान में रखा था। फांसी में देरी और रोकने के तरीकों के लिए ही दोषी ऐसे कदम उठा रहे हैं। फांसी में देरी की आलोचना निर्भया की मां सहित पूरा देश कर रहा हैं।
Supreme Court dismisses petition (of 2012 Delhi gangrape convict Mukesh) and says there is no merit in the contention, alleged torture can’t be a ground, all documents were placed before the President & he had taken them into consideration. pic.twitter.com/1C9dFrZrlE
— ANI (@ANI) January 29, 2020
सरकार ने पिछले हफ्ते उच्चतम न्यायालय से कहा कि फांसी की सज़ा वाले मामलों के दिशा-निर्देशों में बदलाव किया जाए ताकि अपराधी कानूनी विकल्पों का फायदा उठाकर सजा में देरी न कर सकें। केंद्र ने अपनी याचिका में कहा कि वर्तमान नियमों का दोषी गलत फायदा उठा रहे हैं और यह उन्हें "कानून के साथ खेलने और निष्पादन में देरी करने की अनुमति देता है"।