Uniform Civil Code Bill will be presented in the Assembly session on February 6, Uttarakhand
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नई दिल्ली: यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर पार्लियामेंट्री कमेटी आज मीटिंग करेगी। मीटिंग में UCC को लेकर लॉ एंड ऑर्डर के मामलो पर चर्चा होगी। UCC पर ड्राफ्ट तैयार कर रहे लॉ कमीशन को भी इस मीटिंग में बुलाया गया है। 

पार्लियामेंट्री कमेटी मीटिंग की अध्यक्षता बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) करेंगे। इस में 31 सांसद और कमेटी मेंबर्स शामिल होंगे। इस पर सभी की राय मांगी जाएगी और उन पर विचार किया जाएगा।

मानसून सत्र में UCC बिल हो सकता है पेश
मानसून सत्र 2023 का सत्र 20 जुलाई को बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक पूरा उम्मीद है कि मानसून सत्र में UCC लागू करने के लिए संसद में इसे पेश किया जाएगा। 

UCC पर किसने क्या बोला?

UCC पर बहस थाटलेस एक्सरसाइज: कपिल सिब्बल
पार्लियामेंट्री कमेटी मीटिंग की तारीख का ऐलान के बाद पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक न्यूज एजेंसी के सामने इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने UCC पर बहस को थाटलेस एक्सरसाइज करार दिया। उन्होंने पक्ष से सवाल किया कि UCC के तहत क्या यूनिफॉर्म करने की कोशिश हो रही है? आर्टिकल 23 के तहत परंपराएं ही कानून हैं। सरकार को ये भी बताना चाहिए कि  क्या हिंदुओं पर लागू होने वाला HUF हटा दिया जाएगा? सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर सरकार क्या समान करने की कोशिश कर रही है।

UCC को लाने की बात सुप्रीम कोर्ट बार कह चुका है: पीयूष गोयल
UCC के एग्जीक्यूशन पर सवाल उठाने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कपिल सिब्बल और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि समय की मांग है कि सभा पार्टियां एकजुट होकर इसे कानूनी जामा पहनाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने भी पांच बार अलग-अलग फैसलों को लेकर UCC को लाने की बात कही है। सिब्बल अल्पसंख्यकों के लिए किए गए विकास कार्यों को भूल गए हैं। मोदी सरकार के जितना काम किसी ने नहीं किया। गोयल ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि UCC के लिए सभी दलों के नेता समर्थन करेंगे।

UCC के सपोर्ट में पार्टियां

AAP: आप यानी आम आदमी पार्टी (AAP)के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं। क्योंकि, आर्टिकल 44 भी कहता है कि देश में UCC  होना चाहिए, हालांकि  इसके लिए सभी  धर्म के लोगों, राजनीतिक पार्टियां और संगठनों से सलाह-मशविरा कर आम सहमति बनाई जानी चाहिए।

शिवसेना (उद्धव गुट):  उद्धव ठाकरे ने MPLB के मेंबर्स से बुधवार को कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं, लेकिन हम सरकार से स्पष्टीकरण भी चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार बताए कि इसका अलग-अलग समुदायों पर क्या असर पड़ सकता है? साथ ही UCC पर अब चर्चा शुरू करने के पीछे मोदी सरकार का मकसद पाक-साफ नहीं है।

BSP: बहुजन समान पार्टी(BSP)सुप्रीमो मायावती ने भी UCC का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है। मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है। UCC लागू करने के बीजेपी मॉडल पर हमारी असहमति है। भाजपा यूसीसी के जरिए संकीर्ण मानसिकता की राजनीति करने की कोशिश कर रही है।