पायलट कैप्टन आशुतोष शेखर
पायलट कैप्टन आशुतोष शेखर

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अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पहला यात्री विमान लेकर आने वाले पायलट के पिता मुक्तेश्वर सिंह (75) का कहना है कि यह उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद उनका बेटा पहला वाणिज्यिक यात्री विमान लेकर कुछ ही देर में आयेगा।  

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को अयोध्या में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इसका नाम नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने रामायण की रचना की थी। इंडिगो विमान के पायलट कैप्टन आशुतोष शेखर (33) हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद पहला वाणिज्यिक यात्री विमान को लेकर आज शाम चार बजे यहां पहुंचेंगे।  

राम मंदिर के 22 जनवरी को होने वाले उद्घाटन समारोह के दौरान कार्यक्रम में हजारों लोगों के यहां शामिल होने की उम्मीद है। शेखर की मां मधुरानी सिंह (68) ने कहा, “भगवान राम हमारे प्रति दयालु रहे हैं।”  उन्होंने कहा, “जिस दिन से उसने विमानन क्षेत्र में प्रवेश किया, मेरा सपना था कि बेटे को अयोध्या तक विमान उड़ाते हुए देखूं। यह 12 साल बाद सच हुआ है। एक सपने को पूरा होते देखने से ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है।”

 

मुक्तेश्वर सिंह ने कहा, यह एक “दिव्य क्षण” भी है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार का अयोध्या से जुड़ाव चार पीढ़ियों से है जब उनके परदादा श्री राम वल्लभ कुंज जानकी घाट के अनुयायी बनने के लिए शहर आए थे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि शेखर यहां के गुरु श्री राम शंकर दास जी वेदांती के शिष्य हैं।  

मुक्तेश्वर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “यह पूरे परिवार के लिए एक बहुत ही भावुक क्षण है। मेरा मानना है कि वह हमारे गुरुओं के आशीर्वाद के कारण विमानन क्षेत्र में आया। आज, प्रधानमंत्री द्वारा हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के बाद वह उद्घाटन उड़ान के रूप में अयोध्या के लिए पहला विमान लेकर आयेंगे। यह परिवार के लिए बहुत गर्व की बात है।”  

पायलट कैप्टन आशुतोष शेखर

शेखर की पत्नी श्वेता रंजन ने कहा कि विमान दोपहर 2:40 बजे दिल्ली से उड़ान भरेगा और शाम चार बजे अयोध्या में उतरेगा। उन्होंने कहा, “विमान शाम 4:40 बजे यहां से उड़ान भरेगा और शाम 5:55 बजे दिल्ली पहुंचेगा।”  

उन्होंने कहा, “मेरे दोनों बच्चे बहुत खुश हैं। हमारा मानना है कि परिवार में हमारी खुशी और समृद्धि भगवान राम की जन्मभूमि के साथ हमारे दिव्य जुड़ाव की कृपा से है।”