नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस (UNSG António Guterres) के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई और इस दौरान मोदी ने कांगों में हमले के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिये शीघ्र जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ के मुताबिक मोदी और गुतारेस के बीच कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर पिछले दिनों हुए हमले के बारे में चर्चा हुई, जिसमें दो भारतीय मारे गए थे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस मामले में त्वरित जांच के लिये हर संभव कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत की प्रतिबद्धता के बारे में गुतारेस को अवगत कराया और कहा कि अभी तक इसके तहत 2, 50,000 भारतीय शांति दूतों ने सेवा की है और इस दौरान 177 भारतीय शांति दूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया है जो कि किसी भी देश के शांति दूतों की संख्या से सर्वाधिक है।
Both leaders discussed the recent attack on the UN Organization Stabilization Mission in Democratic Republic of Congo (MONUSCO),where 2 Indian peacekeepers were martyred. PM urged UN Security Gen to ensure expeditious probs,to bring the perpetrators of this attack to justice: PMO
— ANI (@ANI) July 29, 2022
गुतारेस ने बातचीत के दौरान भारतीय सीमा सुरक्षा बल के शहीद हुए कर्मियों के परिवारों के साथ ही भारत सरकार और यहां की जनता के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और इसकी त्वरित जांच के लिए हरसंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कांगो में शांति और स्थिरता के लिए भारत के अटूट समर्थन को रेखांकित किया, जहां 2,040 भारतीय सैनिक वर्तमान में तैनात हैं। कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन पर हमले में भारतीय शांति सैनिकों की मौत होने के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुलाई थी और यह सुनिश्चित किया था कि 15 देशों की सुरक्षा परिषद की तरफ से कड़े शब्दों में बयान जारी किया जाए, जिसमें शांति सैनिकों की हत्या के लिए जवाबदेही की मांग की गई हो।
कांगो के उत्तरी किवु में 26 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर हमले में सीमा सुरक्षा बल के दो जवानों हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह व सांवाला राम विश्नोई और मोरक्को के एक शांति सैनिक की मौत हो गई थी। हमले के कुछ घंटे बाद, सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य भारत ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए परिषद की बैठक बुलाई थी।
एक दिन बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रेस बयान जारी किया था, जिसमें हमलों की कड़ी निंदा की गई थी और कांगो के अधिकारियों से हमलों की तेजी से जांच करने व अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करने का आह्वान किया गया था। (एजेंसी)