Photo:@ ANI/ TWitter
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    नई दिल्ली: पैगंबर  मोहम्मद पर विवादात्मक टिप्पणी विवाद (Prophet Remark Row) के बाद देश में कई जगह हिंसा का माहौल है। इस बीच, जमात उलेमा-ए-हिंद (Jamaat Ulema-e-Hind ) के अध्यक्ष सुहैब कासमी (Suhaib Qasmi) ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, पैगंबर मुहम्मद साहब पर विवादित बयान देने वालीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) को इस्लाम के अनुसार माफ कर दिया जाना चाहिए।

    कासमी ने आगे यह भी कहा कि, शर्मा के बयान और जुमे की नमाज के बाद देशभर में प्रदर्शन और हिंसा पर जमात उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। उन्होंने कहा, उनके बयान के बाद देशभर में हो रहे प्रदर्शनों से मुस्लिम विद्वान सहमत नहीं हैं।

    कासमी   ने कहा, ”इस्लाम के अनुसार नुपुर शर्मा को माफ कर देना चाहिए। हम नुपुर शर्मा और उनके आपत्तिजनक बयान के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद देशभर में हुए प्रदर्शनों से सहमत नहीं हैं।”

    हम कानून के फैसले का स्वागत कर रहे हैं

    यही नहीं,जमात उलमा-ए-हिंद ने भी शर्मा को निलंबित करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फैसले का स्वागत किया।कासमी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा   “हम कानून के फैसले का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि भारत देश का कानून है और हम कानून को अपने हाथ में नहीं लेने जा रहे हैं। कानून सड़क पर आने और नियम तोड़ने की इजाजत नहीं देता।”

    जमात उलमा-ए-हिंद फतवा करेगा जारी 

    जमात उलमा-ए-हिंद ने एक ‘फतवा’ जारी करने का फैसला किया है जिसके माध्यम से वह लोगों से नूपुर शर्मा और उनकी टिप्पणी के संबंध में किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करने का आग्रह करेगा। जमात ने कहा, फतवा असदुद्दीन ओवैसी और मोहम्मद मदनी के खिलाफ आएगा।

    वहीं, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जमात उलमा-ए-हिंद ने सरकार से कई मुस्लिम संगठनों और उनके फंडिंग की जांच करने की अपील की है। उन्होंने कहा की, वह अन्य मुस्लिम संगठनों को हिंसा भड़काने की अनुमति नहीं देगी।