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नयी दिल्ली, मणिपुर हिंसा (Manipur Violence0 मुद्दे पर चर्चा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के बयान की मांग को लेकर विपक्षी दलों के भारी हंगामे और शोरगुल के बाद बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मामले पर आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा की, “सदन चल रहा है, हम मांग कर रहे हैं कि PM वहां आएं और बयान दें लेकिन वे राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं और चुनाव की बात कर रहे हैं। जब वे वहां जा सकते हैं तो क्या आधे घंटे के लिए सदन में आकर बयान नहीं दे सकते? इसका मतलब है कि लोकतंत्र में उनकी कोई रुचि नहीं है, कोई विश्वास नहीं है। वे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा नहीं करना चाहते, वे संसद का अपमान कर रहे हैं।”

इसके पहले एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी बात कहने का मौका दिया। इसी दौरान सदन में सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे नारे लगा रहे थे- ‘‘काला कपड़ा-काला काम, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान।”

हंगामे के बीच ही खरगे ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं देखा कि सत्तारूढ़ दल के सदस्य नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात रखने से रोक रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। सभापति ने दोनों पक्षों से शांत होने की अपील की और कहा कि कुछ देर पहले सदन में अलग दृश्य था जब विदेश मंत्री एस जयशंकर बयान दे रहे थे लेकिन एक वर्ग ने उनकी बात नहीं सुनी और सदन में हंगामा करते रहे।

धनखड़ ने कहा कि विदेश मंत्री के बयान में कई बातें काफी महत्वपूर्ण थीं और उन्हें उम्मीद थी कि सदस्य उस पर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने नियम को शिथिल कर सदस्यों को स्पष्टीकरण पूछने की अनुमति दी लेकिन सदस्यों ने उस अवसर का उपयोग नहीं किया। उन्होंने एक बार फिर सदन में हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने की अपील की। लेकिन इसका कोई असर नहीं होते देख उन्होंने दोपहर बारह बजकर पांच मिनट पर बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले सुबह उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति धनखड़ ने कांग्रेस सदस्य अमी याज्ञनिक को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। इसके बाद उन्होंने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद आसन की अनुमति से विदेश मंत्री एस जयशंकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री की पिछले कुछ महीनों में हुई विदेश यात्रा एवं उनसे जुड़े घटनाक्रमों के संबंध में एक बयान देने लगे। जयशंकर ने अभी बोलना शुरु ही किया था कि विपक्षी सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान और इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। जयशंकर ने भारी हंगामे के बीच ही अपना बयान पूरा किया। इस दौरान विपक्षी सदस्य ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ, मणिपुर पर चुप्पी तोड़ो, कुछ तो बोलो…’ जैसे नारे लगा रहे थे।

जयशंकर का बयान समाप्त होने के बाद सभापति ने सदस्यों से इस पर स्पष्टीकरण मांगने को कहा लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। धनखड़ ने कहा, ‘‘ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह दशक भारत का है। हमारे देश का उत्थान कोई रोक नहीं सकता। यह शताब्दी भारत की है। मैं आपसे अपील करता हूं कि विदेश मंत्री के वक्तव्य को ध्यान से देखें जिसमें भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों का प्रतिबिंब है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने तीन विदेश दौरों में इस बात पर गौर किया है कि भारत का नागरिक होना कितने सम्मान की बात है। वैश्विक स्तर पर भारत के कद में बड़ा इजाफा हुआ है।”

सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘इतने गंभीर विषय के ऊपर भी राजनीति की जा रही है। ये भारत की अस्मिता का सवाल है। अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की बढ़ती हुई छवि के बारे में विदेश मंत्री ने बयान दिया और देश को अवगत कराया।” गोयल ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि काले कपड़े पहनने वाले लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि देश की बढ़ती हुई ताकत आज क्या है। जिनके मन में काला है, जिनके काम में भी आज काला है। क्या छुपा है, इनके दिल में, क्या दिल में काला है। क्या शब्दों के बोल काले हैं, क्या काला धन छुपाया है अपने इन काले कपड़ों में। क्या कारनामे हैं इनके जो दिखाना नहीं चाहते बल्कि छुपाना चाहते हैं। वैसे तो आज के दिन काले कौवे भी इन पर आकर्षित होने लगे हैं। इनक कल भी काला है, आज भी काला है और भविष्य भी काला है।”

इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी आरंभ कर दी। सभापति ने बार बार सदन के सुचारू संचालन के लिए दोनों पक्षों से आग्रह किया। लेकिन अपनी अपील का कोई असर नहीं होता देख उन्होंने 11 बजकर 45 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।