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नई दिल्ली. जहां एक तरफ ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी (Jack Dorsey) ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि इस सोशल मीडिया मंच को देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकारी दबाव और बंद किये जाने की धमकियों का सामना करना पड़ा था। वहीं इन दावों को मोदी सरकार ने उनके दावे को झूठा करार दिया है।  

इधर ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के आरोपों पर किसान नेता राकेश टिकैत ने अब कहा है कि, मुझे भी इसी बात का अंदेशा था। लेकिन अब तो आज ट्विटर के एक्स सीईओ ने ये बात कह भी दी। उन्होंने एकदम खरी और बहुत सही बात कही है। हम भी देखते थे कि ट्विटर और फेसबुक पर हमारी उतनी रीच नहीं होती थी जितनी होनी चाहिए थी। अब जब उन्होंने आज दबाव बनाने वाली बात कही है, तो निश्चित रूप से ये बात सही रही होगी।

उधर, मामले पर सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डोर्सी के बयान को पूरी तरह से झूठा करार दिया है। उन्होंने इस बाबत ट्वीट किया, “यह जैक डोर्सी का एक झूठ है। यह शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास है। डोर्सी और उनकी टीम के अंतर्गत ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था।”  

चंद्रशेखर ने मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, “डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था। उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और जून 2022 में ही उन्होंने अंतत: अनुपालन शुरू किया।”  

केंद्रीय मंत्री ने साथ ही सी बाबत कहा कि, डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी और वह ऐसे व्यवहार करता था मानो भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते। उन्होंने कहा ‘‘एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते भारत के पास यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके कानूनों का भारत में संचालित सभी कंपनियां पालन करें।”   

डोर्सी ने इस बाबत एक साक्षात्कार में कहा है, “किसान आंदोलन के आसपास भारत से कई निवेदन आये, खासतौर से उन पत्रकारों को लेकर जो सरकार को लेकर आलोचनात्‍मक थे… और ऐसा कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, आपके कार्यालयों को बंद करवा देंगे… यह भारत की बात है, एक लोकतांत्रिक देश की।