(Image-ANI)
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    नई दिल्ली: हाल ही में आई बड़ी खबर के मुताबिक़ देश के ‘केंद्रीय सतर्कता आयुक्त’ (Central Vigilance Commissioner) के रूप में सुरेश एन पटेल ने बुधवार को शपथ ली है। आपको बता दें कि दरअसल उन्हें यह शपथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिलाई गई। बता दें कि राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसके पहले पटेल कार्यकारी सीवीसी के रूप में काम कर रहे थे। सीवीसी का कार्यकाल 4 वर्ष या फिर 65 साल की उम्र तक होता है। आइए इस मौके पर जानते है  CVC पद के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी…. 

    यहां जानें क्या है सीवीसी पद

    ज्ञात को कि ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ (पीटीआई) ने पिछले महीने जानकारी दी थी कि कार्यवाहक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के रूप में सेवाएं दे रहे पटेल को आयोग का प्रमुख बनाए जाने की संभावना है। आपको बता दें कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग एक संवैधानिक दर्जा प्राप्त एक संस्था है। यह एक स्वायत्त संस्था है, यह केंद्र सरकार के तहत आने वाली सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है। ये केन्द्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न विभागों आदि को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, लागू करने, समीक्षा करने और सुधार की सलाह देता है।

    ऐसे होती होता है चयन 

    जानकारी के लिए आपको बता दें कि केंद्रीय सतर्कता आयोग विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा वर्ष 2003 में पारित किया गया। आयोग का एक केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त होता है जो कि अध्यक्ष होता है। इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा दो अन्य सतर्कता आयुक्त होते हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, जो कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी की संस्तुति पर की जाती है। इस कमेटी में गृह मंत्री और नेता विपक्ष सदस्य होते हैं। इस तरह इस पद के लिए उचित उमेदवार को नियुक्त करते है। 

     

    जानें क्या है CVC का काम

    बता दें कि CVC का काम बेहद महत्वपूर्ण होता है। केंद्र सरकार के किसी विभाग या संस्था में जब भ्रष्टाचार की कोई जांच करती है तो उसे मॉनिटर करने का काम इसी संस्था के पास होता है। लेकिन अगर उसे किसी भ्रष्टाचार की जांच करनी है तो केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होती है। इसी तरह केंद्र में कार्यरत अधिकारियों पर भी यदि भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगे तो उस पर कार्रवाई या चार्जशीट से पहले संबंधित विभाग को सीवीसी से राय लेनी पड़ती है। सीबीआई अफसरों की जांच को मॉनिटर करने का अधिकार भी सीवीसी के पास होता है। इस तरह CVC का कार्य होता है।