पूर्व नौकरशाह सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार बने नए इलेक्शन कमिश्नर

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नई दिल्ली: भारत सरकार ने पूर्व नौकरशाह सुखबीर सिंह संधू (Sukhbir Singh Sandhu) और ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) देश के नए निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया है। निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्तों की दो रिक्तियों को भरने के लिए गई गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में दोनों पूर्व नौकरशाहों के नाम को अंतिम रूप दिया गया। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उनके नामों की सिफारिश करने के लिए आज बैठक की। अनूप चंद्र पांडे के 14 फरवरी को सेवानिवृत्त होने और आठ मार्च को अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद निर्वाचन आयोग में ये पद खाली हो गए थे।  निर्वाचन आयोग का नेतृत्व राजीव कुमार कर रहे हैं।

इससे पहले समिति के सदस्य व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अधिकारी के चयन पर असहमति नोट देते हुए प्रक्रिया पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग में दोनों पदों के लिए छांटे गए उम्मीदवारों के नाम मांगे थे, लेकिन समिति की बैठक से एक रात पहले उन्हें 212 नाम उपलब्ध कराए गए।चयन समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। सरकार द्वारा मनोनीत एक केंद्रीय मंत्री- गृह मंत्री अमित शाह- और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता समिति में सदस्य हैं। चौधरी ने बैठक खत्म होने के तुरंत बाद अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि दो चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए समिति के समक्ष छह नाम आए और संधू तथा कुमार के पक्ष में उच्चाधिकार प्राप्त समिति के ज्यादातर सदस्यों ने फैसला किया।

उन्होंने कहा, ‘‘चयन समिति के समक्ष जो छह नाम प्रस्तुत किए गये थे, उनमें उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवर पांडे, सुखबीर सिंह संधू और गंगाधर राहत के नाम शामिल थे। ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू का चयन निर्वाचन आयुक्त के रूप में किया गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इन लोगों की पृष्ठभूमि, अनुभव और ईमानदारी के बारे में जानकारी नहीं थी और मुझे प्रक्रियागत खामियां पसंद नहीं आईं, लेकिन नियुक्तियां की गईं।”

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को जब निरस्त किया गया था तब कुमार गृह मंत्रालय में पदस्थापित थे। संधू उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव हैं।  भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1988 बैच के अधिकारी कुमार और संधू क्रमश: केरल और उत्तराखंड कैडर से हैं। कुमार को 2014 में दिल्ली में केरल के रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में तैनाती के दौरान राज्य सरकार द्वारा युद्धग्रस्त इराक के इरबिल में फंसी 46 नर्सों को निकालने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। इराक से 183 भारतीयों को निकालने के साथ ऑपरेशन सफल रहा था, जिनमें से 70 केरल निवासी थे। आईआईटी कानपुर से स्नातक कुमार हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव संधू ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के विचार की देखरेख की थी। वह अमृतसर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस हैं और इतिहास में मास्टर डिग्री भी हासिल कर चुके हैं।