नई दिल्ली. चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग से मिली बड़ी खबर के अनुसार, दरअसल अब से कुछ देर पहले यानि दोपहर 1 बजकर 8 मिनट पर चंद्रयान-3 दो टुकड़ों में बंट गया है और इसका प्रोपल्शन, लैंडर कामयाबी से अलग-अलग हो गया है। ISRO के लिए यह काफी अहम पल है क्योंकि इसके बाद ही अब लैंडर के चांद पर लैंड करने की प्रक्रिया शुरू होगी। और अगले एक हफ्ते तक हर किसी की टेंशन बड़ी रहेगी।
Chandrayaan 3 Mission | Landing Module is successfully separated from the Propulsion Module (PM). Landing Module is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 hours IST: ISRO pic.twitter.com/ObQMlaELPS
— ANI (@ANI) August 17, 2023
Chandrayaan-3 Mission:
‘Thanks for the ride, mate! 👋’
said the Lander Module (LM).LM is successfully separated from the Propulsion Module (PM)
LM is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 Hrs., IST.
Now, 🇮🇳 has3⃣ 🛰️🛰️🛰️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
— ISRO (@isro) August 17, 2023
चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) के विक्रम लैंडर को चांद के सतह पर उतरने की आखिरी 100 किलोमीटर की यात्रा अब खुद करनी है। उसे अपने इंजनों यानी थ्रस्टर्स का इस्तेमाल करके अपनी गति धीमी करनी है। इसके साथ ही साथ ही ऊंचाई भी कम करनी है। वहीं अब से कुछ देर पहले विक्रम लैंडर अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया।
Chandrayaan-3 Mission:
Meanwhile, the Propulsion Module continues its journey in the current orbit for months/years.
The SHAPE payload onboard it would
☑️ perform spectroscopic study of the Earth’s atmosphere and
☑️ measure the variations in polarization from the clouds on…— ISRO (@isro) August 17, 2023
कैसे अलग हुआ प्रोपल्शन और लैंडर?
गौरतलब है कि, चंद्रयान-3 की लैंडिंग 23 अगस्त को होनी है लेकिन उससे पहले आज का दिन काफी अहम रहा है। ISRO के मुताबिक, आज जहां चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर अलग हुआ हैं। ऐसी स्थिति में आज दोनों चांद की कक्षा के 100*100 किमी रेंज में रहे। अब दोनों को कुछ दूरी पर रखा जाएगा ताकि इनमें टक्कर ना हो पाए।
वहीं जब लैंडर अलग होने के बाद वह अंडाकार तरीके से चंद्रमा की कक्षा में घूम रहा है और क्रमशः अपनी गति को धीमा करता जाएगा, धीरे-धीरे यह चांद की ओर बढ़ेगा। जानकारी दें कि, अभी चंद्रयान एक ऐसी गोलाकार ऑर्बिट में घूम रहा था कि, जिसमें उसकी चंद्रमा से सबसे कम दूरी 153 Km और सबसे ज्यादा दूरी 163 किलोमीटर थी।
चंद्रयान-3 से जुड़ी अहम क्रोनोलॉजी :
- 14 जुलाई 2023: चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च.
- 1 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से हुआ बाहर.
- 5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में किया प्रवेश.
- 16 अगस्त 2023: चांद की कक्षा में आखिरी मैन्युवर हुआ पूरा.
- 17 अगस्त 2023: प्रोपल्शन और लैंडर लैंडिंग से पहले हुए अलग.
5 अगस्त को ही चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचा था चंद्रयान-3
बताते चलें कि, करीब 22 दिन के अपने लंबे और जटिल सफर के बाद चंद्रयान बीते 5 अगस्त को शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। तब यान चंद्रमा की ग्रैविटी में पहुंच सके, जिसके चलते उसकी स्पीड को थोड़ी कम की गई थी।
जानें चंद्रयान-3 के प्रमुख टारगेट
गौरतलब है कि, चंद्रयान-3 मिशन के 3 महत्वपूर्ण सीक्वेंस पहले से ही तय हैं। इसमें पहल जरुरी पार्ट धरती पर केंद्रित है, दूसरा चांद के रास्ते और तीसरा सीधे और सहीं तरीके से चांद पर पहुंचना। इन तीनों स्टेज के पूरा होते ही लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हुआ। इसके बाद लैंडर चांद की सतह पर उतरने की अपनी जटिल और जरुरी वैज्ञानिक प्रक्रिया शुरू करेगा। वहीं अगर भारत इसमें कामयाब हो जाता है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद वह दुनिया का चौथा देश बन जाएगा, जो चांद की सतह पर पहुंच पाया है।