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नयी दिल्ली. आखिरकार भारतीय नेवी की ताकत में अब और भी बढ़ोतरी हो चुकी है। जी हां, देश की मोदी सरकार ने  भारतीय नौसेना को नवीनतम पीढ़ी के लड़ाकू विमानों से लैस करने के लिए 26 नेवी राफेल के डील होने की घोषणा की है। इसके साथ ही जल्द ही 26 नेवी राफेल नेवी के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। जानकारी दें कि भारतीय नौसेना यह 26 नेवी राफेल पहले से ही सेवा में मौजूद 36 राफेल के साथ देश की सैन्य शक्ति को अब और भी बढ़ाएंगे। इस तरह अब भारत के पास अब 62 राफेल विमानों का शानदार और बेहतरीन बेड़ा होगा। जो पडोशी देश जैसे पकिस्तान और चीन की नींद हराम करने के लिए काफी होगा। 

दरअसल, भारत ने फ्रांस से 26 राफेल और फ्रांस द्वारा डिजाइन की गई 3 स्कॉर्पीन कैटेगरी की पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की ओर से इस प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया था। नेवी राफेल से भारतीय नौसेना के सैन्य कौशल को भी बहुत ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।

डसॉल्ट एविएशन ने इस बाबत कहा की, “भारत में आयोजित एक सफल परीक्षण अभियान के बाद यह फैसला बहरत सरकार ने लिया है। इस प्रदर्शन के दौरान  नेवी राफेल ने अपना शौर्य प्रदर्शित किया कि, यह भारतीय नौसेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा करता है और इसके विमान वाहक की विशिष्टताओं के लिए भी यह पूरी तरह उपयुक्त है।”

बता दें कि, एक लंबी प्रक्रिया के बाद भारतीय नौसेना ने बोइंग के एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी ‘दसॉल्ट एविएशन’ के राफेल-एम विमान का चयन किया था। अब राफेल M के नाम पर मुहर लग गई है। दरअसल राफेल M फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों का नौसैनिक एडिशन है। जबकि अमेरिकी कंपनी बोइंग के एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट भी नेवी की जरूरतों के हिसाब से तैयार एक लड़ाकू विमान हैं। 

26 में से 22 राफेल M होंगे सिंगल सीटेड 

जानकारी के मुताबिक, नौसेना के लिए खरीदे जाने वाले 26 में से 22 सिंगल सीटेड राफेल M मरीन एयरक्राफ्ट हैं और 4 ट्रेनर एयरक्राफ्ट होंगे। वहीं, तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का अधिग्रहण प्रोजेक्ट 75 के हिस्से के तौर पर रिपीट क्लॉज के तहत ही होगा, जिनका निर्माण मुंबई में मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में होना है।

कितने अलग हैं राफेल और राफेल M

  • राफेल M नौसेना के बेड़े में शामिल होंगे। 
  • राफेल की तुलना में ये काफी अलग ।
  • राफेल M का एयरफ्रेम युद्धपोत पर लैंड करने के लिए हुआ डिजाईन।
  • किसी भी युद्धपोत से टेकऑफ और लैंड करने में सक्षम बनाती है।  
  • राफेल का एयरफ्रेम स्टैंडर्ड है।
  • राफेल M के विंग फोल्डेबल, इसमें टेलहुक भी मौजूद, राफेल में ऐसा नहीं है।
  • राफेल में स्टैंडर्ड रडार है, जबकि राफेल M की रडार, मैरिटाइम के अनुरूप।
  • राफेल M से हो सकती है एंटी शिप मिसाइल लांच, ये ज्यादा दूरी के हथियार भी ढो सकता है।

जल्द भारत के युद्धपोत पर होंगे तैनात

आपको यह भी जानकारी दें कि, राफेल M को भारत के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा। यह भी माना जा रहा है कि राफेल एम को INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत पर तैनात किया जा सकता है, इन युद्धपोतों पर फिलहाल MIG-29 पहले से ही तैनात हैं।इन विमानों के मिलने के बाद अब भारतीय नौसेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ताकत और बढ़ जाएगी।