Mahatma Gandhi
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    जोहानिसबर्ग: तीन महात्मा गांधी की जयंती पर मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non-Violence) के मौके पर यहां भारतीय और फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावासों ने एक संयुक्त कार्यक्रम का आयोजन किया। गांधी के शहर में रहने के दौरान उनके पहले आवास रहे सत्याग्रह हाउस (Satyagraha House) में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एक कंपनी ने इस निवास स्थल को एक होटल (hotel) में बदल दिया है जहां आगंतुक गांधी की जीवन शैली का अनुभव कर सकते हैं। 

     

    सत्याग्रह हाउस प्रबंधक एडना ओबरहोल्जर ने कहा कि यह अब एक प्रांतीय संग्रहालय है और हम चाहते हैं कि महात्मा गांधी की पहली आत्मकथा भी इसी घर में लिखी गई थी। फ्रांस के महावाणिज्य दूत एतियेन चैपोन ने कहा कि जब मुझे सत्याग्रह हाउस का पता चला तो मेरे और अंजू रंजन (जोहानिसबर्ग में भारत की महावाणिज्यदूत) के मन में संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करने का विचार आया।

    रंजन ने कहा कि सत्याग्रह हाउस में कुछ खास बात है। उन्होंने कहा कि यहां गांधी को आप अपने चारों ओर महसूस कर सकते हैं। उन्होंने यहां सत्याग्रह के सिद्धांतों के बारे में सोचना और लिखना शुरू किया। हम कह सकते हैं कि यह सत्याग्रह का जन्मस्थान है और टॉलस्टॉय फार्म सत्याग्रह की प्रयोगशाला थी।

     

    महात्मा गांधी जब दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में वकालत कर रहे थे तब उन्होंने सत्याग्रह की शुरुआत की थी और उन दिनों टॉलस्टॉय फार्म सत्याग्रह का मुख्यालय बन गया था। इस फार्म का नाम प्रख्यात रूसी लेखक टॉलस्टॉय के नाम पर रखा गया है जिनके प्रशंसक बापू खुद थे। इस फार्म को पूरी तरह तोड़ दिया गया था जिसके बाद महात्मा गांधी स्मरण संगठन (एमजीआरओ) इसका पुनर्निर्माण कर रहा है। करीब एक दशक पहले इसे पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।(एजेंसी)