TMC protests on October 3 in Delhi, 25 buses carrying 4000 MNREGA workers, volunteers leave from Kolkata
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कोलकाता: केंद्र की ओर से कथित तौर पर धन रोकने के खिलाफ तीन अक्टूबर को दिल्ली में नियोजित विरोध प्रदर्शन के लिए शनिवार को कोलकाता से तृणमूल कांग्रेस के स्वयंसेवकों को लेकर लगभग 25 बस रवाना हुई है। पार्टी नेताओं ने इसकी जानकारी दी। 

नेताओं ने कहा कि कार्यक्रम के तहत 4,000 से अधिक लोग बसों के जरिये राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेंगे। बसों के रवाना होने से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) महासचिव अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विभिन्न रेल गाड़ियों को रद्द करके और ‘प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तथा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को तैनात’ करके दिल्ली में पश्चिम बंगाल के गरीब लोगों के आंदोलन को ‘कुचलने’ की कोशिश कर रही है।

दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने का संकल्प

बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के समन से उनकी पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के प्रति डराया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा और गरीबों के लिए आवास परियोजनाओं के बंगाल से संबंधित धन रोकने के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने का संकल्प लिया है। बसों के काफिले द्वारा दिल्ली की 1600 किलोमीटर की यात्रा शुरू करने से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए टीएमसी सांसद ने कहा, ‘‘लेकिन (उनका) यह (कदम) उल्टा पड़ेगा।”

हर चुनाव में भाजपा को इससे कड़ी सीख मिलेगी

बनर्जी ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि वे (भाजपा) बंगाल के लोगों को सबक सिखाना चाहते हैं क्योंकि इन लोगों ने 2021 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद के उपचुनावों में टीएमसी के पक्ष में भारी मतदान किया था। यदि यह भाजपा का बदला लेने का तरीका है, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में एक और बड़ा और भयानक झटका उनका इंतजार कर रहा है। इसके बाद होने वाले हर चुनाव में भाजपा को इससे कड़ी सीख मिलेगी।”

20 लाख से अधिक मजदूरों केंद्र पर बकाया

बनर्जी ने कहा कि ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान 7,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति के लिए किया गया है, जिसके बारे में राज्य सरकार का दावा है कि यह राज्य के 20 लाख से अधिक मजदूरों का मनरेगा योजना के तहत केंद्र पर बकाया है। यह आह्वान पूरे राज्य की आवास योजना के लिए 8,200 करोड़ रुपये जारी कराने के लिए भी है। उन्होंने कहा कि हजारों मनरेगा जॉब कार्ड धारक राज्य के विभिन्न हिस्सों से अपना बकाया मांगने के लिए दिल्ली जाने के लिहाज से कोलकाता पहुंच गये हैं।

हमें अनुमति नहीं दी गई

बनर्जी ने दोहराया, ‘‘हमने उन्हें दिल्ली ले जाने के लिए 23 सितंबर को कई ट्रेन के लिए आवेदन किया था। लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई… आपने (केंद्र) कई ट्रेन को रद्द कर दिया है, लेकिन आप इस तरह की रणनीति से लोगों के आंदोलन को नहीं तोड़ सकते। आप ईडी और सीबीआई से समन भिजवाकर टीएमसी को नहीं डरा सकते। आप बंगाल के लोगों द्वारा अपने अधिकारों के लिए किए जा रहे आंदोलन को कुचल नहीं सकते।”

 4,000 लोग दिल्ली के लिए रवाना

पूर्वी रेलवे ने तर्क दिया कि उसे आईआरसीटीसी से अनुरोध प्राप्त हुआ था और रेक की अनुपलब्धता विशेष ट्रेन को अनुमति नहीं देने का कारण थी। टीएमसी नेताओं ने कहा कि 30 सितंबर को पार्टी द्वारा बुक की गई कई विशेष ट्रेन से लगभग 4,000 लोगों को दिल्ली के लिए रवाना होना था। विद्यालय भर्ती घोटाले की चल रही जांच के सिलसिले में ईडी ने बनर्जी को तीन अक्टूबर को तलब किया है। उन्होंने कहा कि कम से कम 50 केंद्रीय दलों ने अब तक बंगाल का दौरा किया है और राज्य ने मनरेगा और आवास योजना के कार्यान्वयन के संबंध में हर विवरण प्रस्तुत किया है, लेकिन एक भी पैसा जारी नहीं किया गया है।

राजघाट पर शांतिपूर्ण धरना 

दिल्ली में दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर राजघाट पर टीएमसी सांसदों और राज्य के मंत्रियों की ओर से शांतिपूर्ण धरना दिया जाएगा। इसके अगले दिन तीन अक्टूबर को मनरेगा जॉब कार्ड धारकों की शांतिपूर्ण रैली आयोजित होगी। दोनों कार्यक्रमों का इंटरनेट के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाएगा। बनर्जी ने कहा कि दोनों कार्यक्रमों का प्रसारण राज्य की 3300 पंचायतों में किया जाएगा।

मनरेगा मुद्दे पर चर्चा

टीएमसी प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्टी ने मनरेगा मुद्दे पर चर्चा के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से समय मांगा था, लेकिन उन्हें सूचित किया गया कि सिंह तीन अक्टूबर को अपने कार्यालय में मौजूद नहीं रहेंगे। (एजेंसी)