इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) है।
नई दिल्ली: देश में पिछले 2 साल से कोरोना महामारी (Corona Virus) के कारण लोग परेशान हो गए हैं। वहीं, अभी भी कोरोना वायरस पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है। अब इस बीच देश में एक नई बीमारी ने दहशत फैला दी है। हाल ही में केरल (Kerala) के कई हिस्सों में एक नयी बीमारी का पता चला है। इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) है। इस फ्लू की चपेट में अब तक केरल के 80 से ज्यादा बच्चे आ गए है। इस बीमारी ने केरल के पांच साल के मासूम बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है। तो आइए जानते हैं आखिर क्या है टोमैटो फ्लू और क्या है इसके लक्षण और बचाव के उपाय।
टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) एक वायरल इंफेक्शन है, जो केरल में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाया गया है। इस वायरल इंफेक्शन का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि इस बीमारी में बच्चों के शरीर पर चकत्ते और छाले हो जाते हैं, जो आम तौर पर लाल रंग के होते हैं। इसकी वजह से बच्चों को स्किन पर जलन और खुजली होती है। इसके अलावा टोमैटो फ्लू से संक्रमित बच्चों को तेज बुखार भी आता है। वहीं, बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ-साथ शरीर और जोड़ों में दर्द भी गंभीर रूप से होता है।
यह बीमारी फ़िलहाल केरल के कुछ हिस्सों में पाई गई है। टोमैटो फ्लू एक दुर्लभ बीमारी है जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों में देखने को मिल रही है। इस फ्लू के बारे में अभी तक सही जानकारी नहीं मिली है कि, यह बीमारी किस वजह से फैल रही है या इसके कारण क्या हैं।
टोमैटो फ्लू के लक्षण (Tomato Flu Symptoms)
इसके मुख्य लक्षणों में डिहाइड्रेशन, स्किन रैशेज, त्वचा में इर्रिटेशन या खुजली शामिल हैं। लेकिन इस वायरस से पीड़ित बच्चे में ये लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
- शरीर पर टमाटर जैसे चकत्ते और दानें।
- तेज बुखार।
- शरीर और जोड़ों में दर्द।
- जोड़ों में सूजन।
- पेट में ऐंठन और दर्द।
- जी मिचलाना, उल्टी और दस्त।
- खांसी, छींक और नाक बहना।
- हाथ के रंग में बदलाव।
- मुंह सूखना।
- डिहाइड्रेशन।
- अत्यधिक थकान।
- स्किन में जलन।
टोमैटो फ्लू से बचने के उपाय (Tomato Flu Prevention Tips)
- यह एक प्रकार का दुर्लभ फ्लू है इसलिए इससे संक्रमित बच्चों का इलाज भी फ्लू की तरह से किया जा रहा है।
- ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
- संक्रमित बच्चे को उबला हुआ साफ पानी पिलाएं, ताकि वह हाइड्रेटेड रह सके।
- रैशेज पर खुजली करने से बच्चे को रोकें।
- घर और बच्चे के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- गर्म पानी से नहाएं।
- संक्रमित बच्चे से दूरी बनाकर रखें।
- हेल्दी डाइट का सेवन करें।