क्यों मनाया जाता है ‘जयपुर स्थापना दिवस’? जानें क्या है जयपुर का इतिहास

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    -सीमा कुमारी

    पूरी दुनिया में ‘पिंक सिटी’ (Pink City) के नाम से मशहूर जयपुर, (Jaipur Foundation Day) का आज स्‍थापना दिवस है। इस साल जयपुर 294 साल का हो गया है। 18 नवंबर 1727 को ‘गुलाबी नगरी’ की स्थापना महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय (Maharaja Sawai Jai Singh II) ने की थी। अपनी बेजोड़ वास्तुकला के लिए विश्वप्रसिद्ध (World famous) जयपुर को ‘जैपर’ के नाम से भी जाना जाता है। प्रति वर्ष 18 नवंबर को जयपुर का स्थापना दिवस (Foundation Day) मनाया जाता है।

    जयपुर के निर्माण में राजा जयसिंह को विद्याधर नामक बंगाली से नगर को बनाने में विशेष मदद मिली। बीते साल इसे ‘वर्ल्ड हेरिटेज साइट’ में शामिल किया गया और इसकी बसावट निहारने के लिए हर साल लाखों देशी-विदेशी पावणे समंदर पार से खिंचे चले आते हैं।

    इस शहर की नींव रखने वाले महाराजा जय सिंह ने एक ऐसे शहर की कल्पना थी, जो न सिर्फ स्थापत्य कला की दृष्टि से बेहतरीन हो, बल्कि कला, संस्कृति और फैशन की राजधानी कही जाने वाली पेरिस को भी टक्कर दे सके।

    जयपुर को पूर्व के पेरिस के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर कच्छवाहा वंश की राजधानी रहा है। इसकी स्थापना से लेकर और आजादी तक कई शासकों ने जयपुर के विकास में अपनी-अपनी सामर्थ्य के हिसाब से योगदान दिया। भारत की आजादी के बाद जयपुर ने खूब तरक्की की। आज यह शहर ‘यूनेस्को वर्ल्ड हरिटेज’ (UNESCO World Heritage) की सूची में शामिल है।

    जयपुर शहर का इतिहास

    1727 में जयपुर नगर का निर्माण शुरू हो गया था। इनमें प्रमुख खंडों को बनाने में करीब 4 साल का समय लगा। तब राजधानी आमेर हुआ करती थी। 1876 में ‘प्रिंस ऑफ वेल्स’ (Prince of Wales) के आने की खबर मिली, तो उनके स्वागत में महाराजा सवाई मानसिंह ने पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया था। तभी से इस शहर का नाम ‘पिंक सिटी’ पड़ गया।

    जयपुर शहर को बसाते समय सड़कों और विभिन्न रास्तों की चौड़ाई पर विशेष ध्यान दिया गया। शहर के मुख्य बाजार त्रिपोलिया बाजार में सड़क की चौड़ाई 107 फीट रखी गई, तो वहीं ‘हवामहल’ के पास, ड्योढ़ी बाजार के पास, 104 फीट की सड़क बनाई गई। मुख्य बाजार की सड़कों के दोनों ओर बाजार सभी भवनों का आकार और ऊंचाई एक जैसी हो इस पर खास ध्यान दिया गया। चान्दपोल से सूरजपोल गेट पश्चिम से उत्तर की ओर है और यहां मुख्य सड़क दोनों गेटों जोड़ती है। बीच-बीच में चौपड़ है।

    कई ऐतिहासिक धरोहर हैं यहां

    इसकी स्थापना के समय चाहरदीवारी के भीतर एंट्री के लिए कई दरवाजे भी बनाए गए थे। वहीं तत्कालीन राजपरिवार के रहने के लिये सिटी पैलेस बनाया गया था.l। जयपुर जंतर-मंतर, हवामहल, अल्बर्ट हॉल, नाहरगढ़, जयगढ़, आमेर महल, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, रामगंज चौपड़ समेत दर्जनों ऐसी धरोहर हैं जो देसी और विदेशी पर्यटकों के लिये बेहद आकर्षण का केन्द्र हैं।