अमरूद से होने वाले  फायदे और इससे बनने वाले मुरब्बे की विधि

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सीमा कुमारी

अमरूद में विटामिन सी और शर्करा काफी मात्रा में होता है. अमरूद में प्रोटीन की मात्रा भी बहुत अधिक होती है. अमरूद को इसके बीजों के साथ खाना अत्यंत उपयोगी होता है, जिसके कारण पेट साफ रहता है. अमरूद का उपयोग चटनियां, जेली, मुरब्बा और फल से पनीर बनाने में किया जाता है |

आइए जानते हैं कि आखिर ठंड में अमरूद खाने के क्या फायदे हो सकते हैं :-
अमरूद बेहद आसानी से मिल जाने वाला फल है. लोग घरों में भी इसका पेड़ लगाते हैं. पर बेहद सामान्य फल होने के कारण ज़्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता है, कि ये स्वास्थ्य के लिहाज़ से कितना फायदेमंद होता है |

अमरूद के फायदे’ ;-
अमरूद हाई एनर्जी फ्रूट है जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. ये तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं. अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन ए और ई आंखों, बालों और त्वचा को पोषण देता है. अमरूद में मौजूद लाइकोपीन नामक फाइटो न्यूट्रिएंट्स शरीर को कैंसर और ट्यूमर के खतरे से बचाने में सहायक होते हैं.सर्दियां आते ही सबके घरों में अमरूद आ जाते हैं. ये सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि कई सारे स्वास्थ्य लाभों से भी भरा हुआ है. 

अमरूद का मुरब्बे बनाने की विधि ;-

अच्छी किस्म के तरोताजा बड़े-बड़े अमरूद लेकर उसके छिलकों को निकालकर टुकड़े कर लें ,और धीमी आग पर पानी में उबालें. जब अमरूद आधे पककर नरम हो जाएं, तब नीचे उतारकर कपड़े में डालकर पानी निकाल लें. उसके बाद उससे 3 गुना शक्कर लेकर उसकी चासनी बनायें ,और अमरूद के टुकड़े उसमें डाल दें. फिर उसमें इलायची के दानों का चूर्ण और केसर इच्छानुसार डालकर मुरब्बा बनायें. ठंडा होने पर इस मुरब्बे को चीनी-मिट्टी के बर्तन में भरकर, उसका मुंह बंद करके थोड़े दिन तक रख के छोड़े. यह मुरब्बा 20-25 ग्राम की मात्रा में रोजाना खाने से कब्ज़ दूर होती है |
अमरूद की कोमल पत्तियां उबालकर पीने से पुराने दस्तों का रोग ठीक हो जाता है. दस्तों में आंव आती रहे, आंतों में सूजन आ जाए, घाव हो जाए तो 2-3 महीने लगातार 250 ग्राम अमरूद रोजाना खाते रहने से दस्तों में लाभ होता है. अमरूद में-टैनिक एसिड होता है, जिसका प्रधान काम घाव भरना है. इससे आंतों के घाव भरकर आंते स्वस्थ हो जाती हैं।