ज्ञान की बात: Chickenpox को भारत में क्यों कहते हैं ‘माता’? जानें रोचक वजह

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    नई दिल्ली: हमारे रोजाना के जिंदगी में कई सारे ऐसे शब्द होते है। जिन्हे हम रोज कहते है लेकिन इसके पीछे की वजह हमें पता नहीं होती है। आज हम आपके लिए एक ऐसी ही खबर लेकर आए जिसके बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे। भारत के अलावा भी दुनिया में ऐसे कई देश है, जहां कई तरह की मान्यताएं है। यह मान्यताएं कई सालों से चलते आ रही है जिनके बारे में असलियत किसी को नहीं पता। जी हां भारत में कई ऐसी हजारों मान्यताएं है, जिसके पीछे का कारण कोई नही जानता। 

    लेकिन आपको बता दें कि सिर्फ मान्यताएं ही नहीं बल्कि कुछ बीमारियां भी ऐसी है जिसे लोग अंधविश्वाश से जोड़कर देखते है। चिकेन पॉक्स (Chicken Pox) या चेचक के बारे में कोन नहीं जानता। भारत (India) में इसे ‘माता’ (Mata) कहा जाता है। लेकिन क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है कि आखिर चिकन पॉक्स को माता क्यों कहा जाता है। चलिए जानते है इसके पीछे क्या है वजह…. 

    जानें क्या है चिकन पॉक्स

    आपको बता दें कि चिकन पॉक्स वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस से फैलने वाली एक संक्रमित बीमारी है। बता दें कि इस बीमारी में इंसान के शरीर पूरे शरीर पर लाल रंग के चकत्ते उभर आते हैं। आपको बता दें कि ये बीमारी तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने वाली है। अगर कोई व्यक्ति चेचक पीड़ित के सीधे संपर्क में आ जाए तो उसे भी चेचक हो सकता है। ये बीमारी छोटे बच्चों या किशोरों को होती है और साफ-सफाई ना रखने के कारण बढ़ती है। इस बीमारी को भारत में ‘माता कहा जाता है।

    क्यों कहते है माता 

    अब आपके मन में यह सवाल उठा होगा कि जब ये पूरी तरह वायरस से फैलने वाली बीमारी है तो इसे भगवान का रूप क्यों बताया गया है। दरअसल, चेचक को शीतला माता से जोड़ा जाता है। आपको बता दें कि शीतला माता (Shitala Mata related to Chiken Pox) को दुर्गा का ही रूप माना गया है और उन्हें बीमारियों हर लेने वाली देवी के तौर पर जाना जाता है।

    शीतला माता के एक हाथ में झाड़ू है और दूसरे में पवित्र जल का पात्र है। झाड़ू से वो इंसानों को सजा देने के लिए बीमारियां देती हैं और पवित्र जल से बीमारियों का नाश कर देती हैं। इसलिए चिकन पॉक्स को माता से जोड़ा जाता है। इस बीमारी से संक्रमित बच्चे तथा युवा या फिर घर के कोई बड़े सदस्य इस बीमारी के दौरान माता शीतला की सेवा करते है। 

    असुर से जुड़ा है किस्सा

    शास्त्रों के अनुसार ज्वारासुर नाम का एक असुर हुआ करता था, वह बच्चों को तेज बुखार देकर मार देता था। तब माता कात्यायनी ने शीतला माता का रूप लिया और बच्चों के शरीर में प्रवेश कर गई। उनके प्रवेश करते ही शरीर पर चकत्ते आ गए और अंदर से उन्होंने बच्चों को ठीक किया। तब से माना जाता है कि चिकन पॉक्स होने पर माता इंसान के शरीर में खुद प्रवेश कर जाती हैं और अंदर से ठीक करती हैं। इसलिए चिकन पॉक्स को ‘माता कहा जाता है।