Uterus में Fibroids और गांठों से बचने के लिए अपनी डाइट में इन चीजों को करें शामिल

    Loading

    -सीमा कुमारी

    महिलाओं में गर्भाशय (Uterus) से जुड़ी समस्या आज आम हो गई है। रसौली, जिसे हम आम भाषा में गांठें कहते हैं। रसौली की शुरुआत में यह बहुत ही छोटे दाने के रूप में रहती है और धीरे-धीरे इसका आकार बढ़ता जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये गांठें, पीरियड्स से लेकर प्रेग्नेंसी तक की समस्या पैदा कर सकती हैं। ऐसे में आइए जानें इन गांठों के कारण और घरेलू उपचार के बारे में –

    कारण

    रसौली बनने के बहुत से कारण हो सकते हैं। इनमें एस्ट्रोजन हार्मोन का ज्यादा मात्रा में बनना या फिर कोई आनुवांशिक कारण हो सकता है। बहुत बार महिलाओं द्वारा ली जानी वाली गर्भ निरोधक गोलियों के कारण भी गर्भाशय में गांठे बनने लगती हैं। इसके अलावा मोटापा, खानपान का सही न होना, पीरियड्स सही समय पर न होना या फिर 40 के बाद मेनोपॉज की वजह से एस्ट्रोजन का स्त्राव बढ़ जाता है।

    रसौली (Uterus Cyst) से बचने के घरेलू उपचार

    जानकारों के अनुसार, आंवला का जूस रसौली (Cyst) दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है। आंवला में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। रोजाना सुबह एक बड़ा चम्मच आंवला के जूस में थोड़ा सा शहद मिक्स करके खाली पेट पीएं इससे गांठों की समस्या नहीं होगी।

    रसौली (Uterus Cyst) की समस्या होने पर खाली पेट रोज 1 लहसुन का सेवन करें। लगातार 2 महीने तक इसका सेवन इस समस्या को जड़ से खत्म कर देता है।

    एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हल्दी में मौजूद एंटीबॉयोटिक गुण शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। साथ ही इससे गर्भाश्य कैंसर का खतरा भी कम होता है।इसलिए हल्दी को सब्जी के रूप में शामिल करें या हल्दी वाला दूध जरूर पीएं। हफ्ते में 2 से 3 बार आप इसका सेवन कर सकते हैं।

    इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले अपना लाइफस्टाइल हैल्दी रखें। हरी सब्जियां, साबुत अनाज, ताजे फलों का जूस औऱ सूखे मेवे, भरपूर पानी अपनी डाइट में शामिल करें। इससे बचने के लिए आप कुछ देसी नुस्खे भी इस्तेमाल कर सकते हैं।