मुंबई : रक्षाबंधन का त्योहार (Festival) भाई-बहनों दोनों के लिए ही बेहद खास होता है। यह दोनों के बीच के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस बार राखी का यह त्योहार 11 अगस्त यानी गुरूवार को है। बता दें, हर साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन के लिए बाजार में सोने-चांदी (Gold-Sliver Rakhi) और आर्टिफिशियल से बनी कई प्रकार की राखियां उपलब्ध होती है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इस खास मौके पर कौन सी राखी भाई की कलाई पर नहीं बांधनी चाहिए? अगर आप नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं। कौन सी राखी (Rakhi) बांधनी चाहिए और कौन सी नहीं।
काली राखी – हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ काम में काले रंग की वस्तु का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस शुभ अवसर पर काले रंग (Black Rakhi) की राखी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
खंडित राखी – शास्त्रों के मुताबिक, कभी भी खंडित चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि खंडित वस्तु का इस्तेमाल अशुभ परिणाम देता है। इसलिए भाई की कलाई पर कभी खंडित राखी (Broken Rakhi) यानि टूटी हुई राखी को नहीं बांधना चाहिए।
भगवान के प्रतिमा वाली राखी – बाजार में ऐसी राखियां खूब मिलती हैं। जिसमें देवी-देवताओं की प्रतिमा बनी होती है, लेकिन ऐसी राखी भाई की कलाई पर नहीं बांधना चाहिए। क्योंकि ये राखियां लंबे समय तक कलाई पर बंधी रहती हैं। सामान्य जीवन की कई गतिविधियां इन्हें अपवित्र कर सकती हैं।
प्लास्टिक की राखी – आजकल बाजारों में तरह-तरह की प्लास्टिक की राखियां उपलब्ध होती हैं। ज्यादातर यह राखियां छोटे बच्चों के लिए बनी होती हैं। प्लास्टिक को केतु का पदार्थ माना जाता है और ये अपयश को बढ़ाता इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ये राखियां होती हैं बेहद शुभ – बहनें भाई की कलाई पर राखी यानी रक्षा सूत्र बांधती है। इसलिए रक्षा सूत्र सबसे शुभ रेशम से बनी या फिर सूती से बनी राखियों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इन राखियों का प्रयोग करना सबसे शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह की राखीयां बांधने से भाइयों के यश में वृद्धि होती है।