कब और कैसे करें बच्चों की तारीफ़, बच्चों की सही परवरिश के लिए जानना है ज़रूरी

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: बच्चों की तारीफ करना अच्छी बात है, क्योंकि, तारीफ एक पॉजिटिव रिएक्शन है, जो आप किसी के कुछ अच्छा करने पर ही देते हैं। कई बार बच्चों का मन रखने के लिए, उनमें कॉन्फिडेंस जगाने के लिए और उनके उत्साहवर्धन के लिए हम उनकी तारीफ करते हैं। ज्यादातर बच्चों पर तारीफ का असर भी पड़ता है और इससे उन्हें फायदा भी मिलता है। लेकिन, कुछ मामलों में बच्चों की जरूरत से ज्यादा तारीफ करना गलत भी हो सकता है।

ऐसे में माता-पिता को कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानें आखिर माता-पिता को बच्चों की तारीफ करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, बच्चों के सामने तारीफ करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का कॉन्फिडेंस भी बढ़े और वो ओवर-कॉन्फिडेंट भी न हो। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप हमेशा काम की तारीफ करें, न कि करने वाले की। जैसे- मान लीजिए आपके बच्चे ने घर की साफ-सफाई की, तो आपको उसे बार-बार अच्छा और महान बताकर नहीं, बल्कि ये बोलकर तारीफ करनी चाहिए कि उसने अच्छी तरह सफाई की है और यही सफाई का सही तरीका है। कुल मिलाकर काम के प्रॉसेस की तारीफ करें, न कि करने वाले की।

बच्चों की कभी भी तुलनात्मक तारीफें भी नहीं करनी चाहिए। कभी-कभी माता-पिता बच्चों के सामने दूसरे बच्चे की तुलना करके तारीफ करते हैं। इस प्रकार की बातें बच्चों के मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसे में ऐसी बातों को करने से भी बचें।

कुछ माता-पिता अपने बच्चों को ज्यादा अच्छा दिखाने के लिए दूसरों के सामने उनकी झूठी तारीफ करने लगते हैं। या फिर बच्चे का मनोबल बढ़ाने के लिए जरूरत से ज्यादा और बढ़ा-चढ़ाकर तारीफ करने लगते हैं। ये आदत भी बच्चों के स्किल डेवलपमेंट के लिए नुकसानदायक है। इससे बच्चों के अंदर सीखने, समझने की क्षमता कम हो जाती है।