धनतेरस पर इस मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, ये चीज़ें बिल्कुल न खरीदें

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    -सीमा कुमारी

    धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की त्रयोदशी तिथि को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। धनतेरस से ही रौशनी का त्योहार दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है। यह महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है, जिसमें लोग सोना (Gold) और चांदी (Silver) के बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं।

    मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान सोने की कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस तिथि पर इनका प्रागट्य पर्व मनाया जाता है। इस दिन बड़े पैमाने पर भारत में लोग सोना खरीदते हैं।

    इस साल 2 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा करने से घर हमेशा धन और सुख-समृद्धि से भरा रहता है। इस दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा करने से घर का भंडार हमेशा भरा रहता है। धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने का विशेष शुभ मुहूर्त होता है। इस मुहूर्त में सोना और चांदी खरीदना बहुत ही शुभ बताया जाता है। आइए जानें धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त:

    शुभ मुहूर्त

    02 नवंबर को शुभ धनतेरस का त्योहार है। इस दिन सोना-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए शाम 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अगर सुबह के मुहूर्त पर विचार किया जाए तो सुबह 11 बजकर 30 मिनट से खरीदारी कर सकते हैं। लेकिन 02 नवंबर को राहुकाल के समय धनतेरस पर शुभ खरीदारी से बचें।

    धनतेरस पूजा विधि

    धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का विधान होता है। भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान सोने का कलश लेकर प्रकट हुए थे। ऐसे में दिवाली के दो दिन धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए। धनतेरस की शाम को घर के मुख्य द्वार, आंगन और घर के दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। धनतेरस के दिन यम के नाम से भी दीपक रखे जाते हैं। इस पूजा से घर सुख-सुविधा और धन-धान्य से भरा रहता है। 

    धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या नहीं

    धनतेरस के दिन खरीदारी का बड़ा महत्व होता है। क्योंकि, इस दिन सोना, चांदी, पीतल की चीजें और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन धनतेरस पर ऐसी चीजें भूलकर भी न खरीदें जैसे- काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि,शास्त्रों के अनुसार, इस दिन इन चीजों को खरीदना अशुभ माना जाता है। इसलिए ये गलती भूलकर भी न करें।

    धनतेरस के दिन क्यों खरीदा जाता है ‘सोना’

    पौराणिक कथाओं के मुताबिक, राजा हिम के बेटे को श्राप मिला था कि उसकी शादी के चौथे दिन बाद ही उसका देहांत हो जाएगा। जब इस बात की जानकारी राजकुमार की पत्नी को मिली तो उसने शादी के चौथे दिन अपने पति से रात जगे रहने को कहा। इसके उपरांत रानी ने घर के दरवाजे पर सोने-चांदी और बाकी बहुमूल्य वस्तुओं को रख दिया। साथ ही अगल-बगल दीये भी जलाए।

    राजकुमार सो न जाएं, इसलिए वो उन्हें गीत व कथाएं सुना रही थीं। कुछ समय बाद सांप का रूप धारण करके यमराज राजकुमार की जान लेने आए। मगर गहनों और दीपकों की चकाचौंध के कारण वो अंधे हो गए। इस कारण वो घर में घुस ही नहीं सके। इसी कारण धनतेरस के दिन सोना खरीदने की विशेष परंपरा है।