chaitra Navratri 2024, Kanya Pujan 2024
कन्या पूजन किस दिन होता है शुभ (फाइल फोटो)

चैत्र नवरात्रि 2024 के 9 दिनों में सबसे खास तिथियां अष्टमी और नवमी की होती है जिस दिन कन्या पूजन कराया जाता है।

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क:
नौ दिवसीय ‘नवरात्रि'(Chaitra Navratri 2024) का पावन पर्व चल रहा हैं। इस महापर्व का समापन महानवमी (Mahanavami 2024) के साथ होता है। नवरात्र में कन्या पूजन का बड़ा महत्व है, क्योंकि, कन्याएं देवी दुर्गा के अवतारों का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसा माना जाता है कि, कन्या पूजन करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार पर माता की कृपा सदैव बनी रहती हैं। यह अनुष्ठान आमतौर पर अष्टमी व नवमी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में आइए जानें अगर आप भी नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने वाले हैं तो किन गलतियों को करने से आपको बचना चाहिए।

नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान न करें ये गलतियां

1- ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि में कन्याओं का पूजन माता के 9 स्वरूपों को ध्यान में रखकर किया जाता है। नौ कन्याएं 9 देवियों का प्रतीक होती हैं। इसलिए कन्या पूजन के दिन उनके आने से पूर्व ही आपको उस स्थान की सफाई कर देनी चाहिए, जहां आप उनको बैठाएंगे। अगर आप कन्या के बैठने के स्थान को साफ नहीं करते तो, आपकी ये भूल माता को अप्रसन्न कर सकती है।

2- कहते है, कन्या पूजन वाले दिन भूलकर भी कन्याओं को डांटे या उनपर गुस्सा न करें। बल्कि उनका सम्मानपूर्वक स्वागत करना चाहिए। कन्याएं आपके व्यवहार से जितनी प्रसन्न होंगी, माता की कृपा आप पर उतनी ही बनी रहेगी।

3- अगर आप कन्या के साथ एक बालक को पूजा में नहीं बुलाते तो आपकी पूजा अधूरी रह सकती है। इसलिए पूजा में 9 कन्याओं के साथ एक बालक को भी आप अवश्य बुलाएं। बालक को भैरव का रूप माना जाता है।

4-आसन पर बैठाकर कन्याओं का तिलक किया जाता है, इस बात का ध्यान रखें कि तिलक करते समय कन्याओं का मुंह उत्तर-पूर्व दिशा यानी कि ईशान कोण की ओर ही हो। गलत दिशा में कन्याओं को तिलक करने से आप माता की कृपा से वंचित रह सकते हैं। इसलिए कन्याओं के आने से पहले ही ये देख लें कि आपके घर की उत्तर-पूर्व दिशा किस ओर है। ईशान कोण में देवी-देवताओं का निवास स्थान होता है और इसलिए इस दिशा में कन्याओं का तिलक किया जाना चाहिए ।

5- भोजन के बाद अगर आप सामर्थ्य के अनुसार कन्याओं को दक्षिणा नहीं देते तो कन्या पूजा अधूरी रह जाती है। इसलिए कन्या पूजा के बाद आपको अपनी सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी कन्याओं के हाथ में अवश्य रखनी चाहिए।

6- कन्या पूजन में कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है, इसलिए ख्याल रखें कि कोई कन्या आपके पैर न छुए ।