सीमा कुमारी
नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में ‘पंचक’ को बहुत ही अशुभ समय में गिना जाता है। हिन्दू ज्योतिष के अनुसार, ‘पंचक’ को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है तथा पंचक को हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को ‘पंचक’ कहते हैं।
पंचक के दौरान कई कार्यों पर रोक लग जाती है। पंचक 5 दिनों की वह अवधि होती है, जिसमें व्यक्ति को सर्वाधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। पंचक हर महीने में एक बार जरूर होता है। आइए जानें जून मास में पंचक तिथि और नियम
जून 2023 ‘पंचक-काल’ तिथि और समय
दिनांक 9 जून 2023, शुक्रवार प्रातः 6 बजकर 2 मिनट से 13 जून 2023, मंगलवार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक।
पंचक में वर्जित कार्य
पंचक में दक्षिण दिशा की यात्रा करना, प्रेतादि दाह संस्कार करना, लकड़ी, तिनके तोड़ना, स्तम्भारोण, तृण, पीतल, तांबा एवं लकड़ी का संचय करना, मकान की छत डालना, चारपाई, कुर्सी, चटाई आदि बुनना, गद्दियाँ बनाना वर्जित है। पंचकों में हानि-लाभ एवं व्याधि-मरण आदि पांच गुणा होने संभावना होती है।
ऐसा माना जाता है कि यदि किसी परिजन की मृत्यु पंचक में होती है तो अंति संस्कार के समय चन्दन की पाँच लकड़ी को शव के साथ पूरे विधि विधान के साथ करने से, पंचक-दोष समाप्त हो जाता है।