Pink Moon 2024, Chaitra Month
पिंक मून 2024 ( Social Media)

चैत्र पूर्णिमा के दिन वाला चांद गुलाबी चांद (Pink Moon 2024) के नाम से जाना जाता है। इस दिन चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार को शाम 7:49 पर सबसे ज्यादा चमकीला दिखेगा।

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नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: जैसा कि, हम जानते है चैत्र माह (Chaitra Month) का दौर चल रहा है इस महीने में राम नवमी, हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2024) के साथ कई अमावस्या और पूर्णिमा आ रही है इसे लेकर ही आने वाले 23 अप्रैल 2024 यानि दिन मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2024) बनाई जाएगी। क्या आप जानते है चैत्र पूर्णिमा के दिन वाला चांद गुलाबी चांद (Pink Moon 2024) के नाम से जाना जाता है। इस दिन चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार को शाम 7:49 पर सबसे ज्यादा चमकीला दिखेगा। जानिए ऐसा क्यों इस बारे में

कैसे होता है चांद का रंग गुलाबी

यहां पर चांद का रंग गुलाबी होने या पिंक मून की स्थिति तब बनती है जब दो घटनाएं एक साथ हों जैसे चांद धरती के बहुत करीब नजर आए तो वहीं पर उस समय ऐसी पूर्णिमा यानि की फूल मून हो। इस दौरान चांद का रंग गुलाबी होने के साथ ही बड़ा भी दिखता है। यह चांद पृथ्वी से 3,63,3000 किलोमीटर दूर होता है। अप्रैल माह में दिखने वाले इस चांद को पिंक मून कहा जाता है जबकि यह गुलाबी नहीं दिखता। इसका नामा पिंक रखने के पीछे यह वजह है कि, इसे उत्तरी अमेरिका में पाए जाने वाले गुलाबी फूल के कारण नाम दिया गया है।

कब दिखती है उल्का बौछार

चैत्र माह में आपको पिंक मून के अलावा हर साल लिरिड उल्का बौछार भी देखने के लिए मिलती है जो इस बार 22-23 अप्रैल की दरम्यानी रात में दिखती है। कहते है इस दौरान आसमान में आग के गोलों के रूप में चमकीली उल्‍काओं को देखा जा सकेगा।

चांद के कई रंग

पिंक मून की बात तो कर ली है लेकिन क्या आप जानते है चांद के कई रंग हो जाते है यानि चांद कई रंगों में नजर आता है आइए जानते है इसके बारे में..

1- ब्लड मून (लाल रंग)

जब चांद का रंग लाल होता है तो इसे ब्लड मून कहते है ऐसी स्थिति तब होती है जब कई बार सूर्य की रोशनी आकाश में बिखरने के कारण कई बार लाल या नारंगी रंग चांद का हो जाता है.

2-पीला या नारंगी रंग

चांद का रंग कभी पीला या नारंगी नजर आता है इसके पीछे वजह है कि यह प्रदूषण की वजह से होता है जब प्रदूषण वाली जगहों पर रोशनी ज्यादा बिखरती है ऐसे में नीले की जगह यह पीला या नारंगी नजर आ जाता है। इस दौरान चांद से आनी वाली सफेद रोशनी में से नीली रोशनी बिखर जाती है और यह पीला या नारंगी दिखता है।

3- नीला रंग

चांद का रंग कभी नीला भी नजर आता है इसे पीछे का कारण खगोल शास्त्र की मानें तो इसलिए होता है जब वायुमंडल में बिखरे कणों की वजह से नीला रंग नजर आता है। इसे लेकर एक सिद्धांत स्केटरिंग ऑफ लाइट काम करता है। कहते है ये नीला रंग वाला चांद तीन सालों में एक बार दिखाई देता है।

4- भूरा रंग

चांद का रंग कभी-कभी भूरा नजर आता है इसे एक तरह से चांद के धब्बों की वजह से माना जाता है। इसके अलावा ऐसा चांद तब होता है जब चांद के पृथ्वी के पास होने के कारण सूर्य की रोशनी उस पर कम नजर आती है।

5- चमकीला रंग

चांद का चमकीला रंग नजर आता है जिसमें ऐसी स्थिति तब होती है जब सूर्य की रोशनी उससे टकराकर धरती पर लौटती है तब रात में वह चांदी के रंग का दिखाई देता है।