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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: इस साल माघ पूर्णिमा 05 फरवरी, रविवार को मनाई जाएगी। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि, माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने से 10000 अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर गंगा, नर्मदा और यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप से मुक्ति मिलती है। इस दिन दान, पुण्य, रोगियों की सेवा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। और मोक्ष की प्राप्ति होती है।आइए जानें माघ पूर्णिमा 2023 तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व –

    तिथि और मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, माघ माह के पूर्णिमा तिथि 4 फरवरी 2023 को रात 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी, जो 5 फरवरी 2023 को रात 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।

    आयुष्मान योग-

    सूर्योदय से दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक

    सौभाग्य योग-

    दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक से 6 फरवरी दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक।

    महिमा

    माघ पूर्णिमा का महत्व का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है। माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन देवता रूप बदलकर पृथ्वी पर गंगा स्नान के लिए प्रयागराज आते हैं। जो भी श्रद्धालु प्रयागराज में एक महीने तक कल्पवास करते हैं वह माघ पूर्णिमा के दिन ही इसका समापन करते है। 

    कल्पवास करने वाले सभी श्रद्धालु माघ पूर्णिमा के दिन गंगा मैया की पूजा अर्चना करते हैं। इसके बाद साधु-संतों और ब्राह्मणों को आदर पूर्वक भोजन कराते है। ऐसी मान्यता है कि, जो कोई भी व्यक्ति माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करता है, उसके जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते है। साथ ही, वह व्यक्ति रोगों और बीमारियां से भी मुक्त हो जाता है।