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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को ‘गंगा दशहरा’ (Ganga Dussehra 2023) मनाया जाता है। इस बार गंगा दशहरा आज यानी 30 मई को मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 29 मई को होगी। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को मनाई जाती है। इसलिए इस बार गंगा दशहरा पर्व दो दिन मनाये जायेंगे।

गंगा को लेकर लोगों के मन में गहरी आस्था है। कहते हैं कि जो भी भक्त गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करता है उसके हर पाप मिट जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, गंगा दशहरा के दिन ही गंगा मैय्या का धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन पतित पावनी मां गंगा की अराधना करने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। सनातन धर्म में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है, इसकी एक बूंद भी वातावरण को शुद्ध करने के लिए काफी होता है। वहीं, कोई भी पूजा गंगा के बिना अधूरी होती है। ऐसे में इस दिन का बड़ा महत्व होता है।

गंगा दशहरा की तिथि, महत्व और शुभ मुहूर्त

तिथि

पंचांग के अनुसार, जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का शुभारंभ 29 मई 2023 11 बजकर 49 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 30 मई 2023 को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट पर होगा जाएगा। उदया तिथि अनुसार यह पर्व यह पर्व 30 मई 2023, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।

शुभ योग

इस दिन हस्त नक्षत्र का शुभारंभ 30 मई को सुबह 4 बजकर 29 मिनट पर होगा और इसका समापन 31 मई को सुबह 6 बजे होगा। वहीं व्यतिपात योग की शुरुआत 30 मई को रात्रि 8 बजकर 55 मिनट पर होगी और इसकी समाप्ति 31 मई को रात्रि 8 बजकर 15 मिनट पर हो जाएगी। इस विशेष दिन पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है, जो पूरे दिन रहेगा।

महत्व

गंगा दशहरा के दिन के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति द्वारा अनजाने में हुई गलतियों के से छुटकारा मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करने न जा सके तो वह किसी अन्य पवित्र नदी में गंगा मैय्या का ध्यान करता हुआ स्नान कर सकता है। अगर, आपके लिए वो भी संभव न हो तो अपने घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर, उससे स्नान करें और दोनों हाथ जोड़कर मन ही मन गंगा मैय्या को प्रणाम करें।