Indian students contributed USD 7.6 billion to US economy last year
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  • नामी कालेजों में ठीक, बाकी जगह हालत खराब

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नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि से संलग्नित महाविद्यालयों में स्नातक प्रवेश के अंतिम दिन तक आनलाइन प्रक्रिया के तहत 60 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश हो सके. इनमें नामी कालेजों में 70 फीसदी सीटें भर गई. जबकि अन्य कालेजों में केवल 30 फीसदी ही सीटें भर पाई है. अब विवि प्रशासन ने भविष्य में प्रवेश की तिथि बढ़ाने से इंकार किया है. यानी इस बार कालेजों में कम छात्रों में ही काम चलाना होगा.

विवि ने महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए आनलाइन प्रक्रिया की घोषणा की थी. इसकी शुरूआत 17 जुलाई से हुई. कोरोना संकट के इस दौर में केवल जिले के छात्रों ने ही प्रवेश लिया है. जबकि बाहर से आने वाले छात्रों ने रुचि नहीं दिखाई. नागपुर में केवल विदर्भ ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ के भी छात्र पढाई करने के लिए आते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से पालकों ने बच्चों को बाहर भेजने की रिस्क नहीं उठाई. विवि ने निर्धारित तिथि के बाद भी 30 अगस्त तक प्रवेश की समयावधि बढ़ाई थी.

कुल 1 लाख 8406 विद्यार्थियों ने वेबसाइट पर पंजीयन कराया था. इनमें से 82630 विद्यार्थियों ने दस्तावेज जमा किये. जबकि केवल 60 फीसदी विद्यार्थियों ने ही कालेजों में प्रवेश कराया. बाद में 30 सितंबर तक तिथि को बढाया गया था. नामी कालेजों की स्थिति ठीकठाक रही, लेकिन अन्य कालेजों में बहुत कम प्रवेश हो सके हैं. इस बार ग्रामीण भागों के अनेक छात्रों ने प्रवेश नहीं लिया है. खासतौर पर लड़कियों की संख्या कम रही है.

इंजीनियरिंग प्रवेश के बाद होगी सीटें खाली
माना जा रहा है कि अनेक छात्र इंजीनियरिंग सहित अन्य व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने से पहले स्नातक में प्रवेश ले लेते है, लेकिन जैसे ही उनका नंबर किसी अच्छे इंजीनियरिंग कालेज में लगता है वे प्रवेश रद्द करा देते हैं. अभी राज्य में इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा शुरू हुई है. प्रवेश प्रक्रिया के लिए अभी वक्त है. इस हालत में अब तक जो प्रवेश स्नातक प्रथम वर्ष में हुये है, उनमें से कई छात्र इंजीनियरिंग सहित अन्य पाठ्यक्रमों में चले जाएगे. इस हालत में कालेजों में सीटें खाली हो जाएगी. इस वजह से कालेजों को नुकसान सहन करना पड़ेगा. यही वजह है कि प्राचार्य फोरम ने प्रवेश की तिथि बढ़ाने की मांग की है.

संकाय स्तर पर सीटों की स्थिति

कला – 40,000

वाणिज्य – 30,000

विज्ञान – 35,000

विधि – 1,500

गृहविज्ञान – 400

गृहअर्थशास्त्र – 500

उपकुलपति के अधिकार क्षेत्र के तहत प्रवेश की तिथि बढ़ाई गई. लेकिन अब तिथि नहीं बढ़ाई जा सकती. यदि भविष्य में ज्यादा सीटें खाली हुई तो फिर सरकार से प्रवेश तिथि बढ़ाने के लिए मंजूरी मांगी जाएगी.

-प्रा सुभाष चौधरी, उपकुलपति.