इगतपुरी. मुंबई-नाशिक हाईवे (Mumbai-Nashik Highway) पर इगतपुरी (Igatpuri) से पडघा (Padgha) तक हर गांव के युवा, हाईवे पर होटल व्यवसायी, क्रेन, गैरेज ड्राइवर के साथ डॉक्टर, वकील, पुलिस अधिकारी, कर्मचारी, राजस्व अधिकारी, कर्मचारी, आदि लोगों ने 27 जुलाई, 2017 को एक व्हाट्सएप समूह बनाया। इस समूह के माध्यम से इस टीम के सदस्यों ने कई दुर्घटना पीड़ितों की मदद की। समूह के माध्यम से अब तक 138 लोगों को मौत के मुंह से वापस लाया जा चुका है, क्योंकि इगतपुरी और पडघा के बीच दुर्घटना के पीड़ितों को ‘गोल्डन ऑवर’ के दौरान इलाज (Cure) और मदद (Help) मिल रही है।
इस समूह के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राजमार्ग पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में ‘हाईवे मृत्युंजय दूत’ की पहल की गई। राजमार्ग के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय के हाथों से उद्घाटन किया गया। आपदा प्रबंधन दस्ते का उद्घाटन शाहपुर के अध्यक्ष, शाम धूमाल ने हाईवे पुलिस घोटी नल केंद्र में किया। देश में राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में हर साल डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं। सबसे ज्यादा मौत समय पर इलाज ना मिलने के कारण होती हैं।
योजना से लोगों की जान बचाने की कोशिश
इस योजना से लोगों की जान बचाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस के सहायक निरीक्षक अमोल वालजादे के मार्गदर्शन में पुलिस उप-निरीक्षक सागर डागले ने उपस्थित नागरिकों का मार्गदर्शन किया। सेवानिवृत्त भारतीय सीमा सुरक्षा बल के लेफ्टिनेंट एल. के. शर्मा, पूर्व नौसेना प्रमुख हरीश चौबे, सुरक्षा अधिकारी जयंत इंगले, आपदा प्रबंधन टीम के दत्ता वताडे, कैलास ढोकने, सहायक उप-निरीक्षक माधव पवार, दिनकर बंदे, कांस्टेबल संजय क्षीरसागर, राहुल गांगुर्डे, केतन कापसे, जितेंद्र विटकर, राहुल सहाने, जितेंद्र पटोले मौजूद थे।