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आज यानी 3 अक्टूबर भारत और लाहौल घाटी के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है। आज भारत की ‘व्यापारिक और  सामरिक दृष्टि’ से बेहद अहम् ‘अटल टनल’ (Atal  Tunnel) का उद्घाटन हो चूका है। 
आज यानी 3 अक्टूबर भारत और लाहौल घाटी के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है। आज भारत की ‘व्यापारिक और  सामरिक दृष्टि’ से बेहद अहम् ‘अटल टनल’ (Atal  Tunnel) का उद्घाटन हो चूका है। 
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10,000 फिट की ऊंचाई पर बनी इस विशाल टनल का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा सुबह 10 बजे किया गया।   
10,000 फिट की ऊंचाई पर बनी इस विशाल टनल का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा सुबह 10 बजे किया गया।   
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अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तब 03 जून, 2000 को रोहतांग दर्रे के नीचे एक स्ट्रैटजिक टनल का निर्माण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। 
अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तब 03 जून, 2000 को रोहतांग दर्रे के नीचे एक स्ट्रैटजिक टनल का निर्माण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था। 
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पीएम मोदी के नेतृत्‍व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए योगदान को सम्‍मान प्रदान करने के लिए रोहतांग टनल का नाम अटल टनल रखने का निर्णय लिया गया था।  
पीएम मोदी के नेतृत्‍व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए योगदान को सम्‍मान प्रदान करने के लिए रोहतांग टनल का नाम अटल टनल रखने का निर्णय लिया गया था।  
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‘अटल टनल’ दुनिया की सबसे बड़ी टनल है और आधुनिक सुविधाओं से लैस है। करीब 9.02 किलोमीटर लंबी यह टनल दिखने में घोड़े की नाल जैसा है। 
‘अटल टनल’ दुनिया की सबसे बड़ी टनल है और आधुनिक सुविधाओं से लैस है। करीब 9.02 किलोमीटर लंबी यह टनल दिखने में घोड़े की नाल जैसा है। 
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इस टनल के निर्माण की लागत करीब 3200 करोड़ रुपये है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण 6 साल से कम समय में होना था, लेकिन इसे पूरा होने में 10 साल का समय लगा है।  
इस टनल के निर्माण की लागत करीब 3200 करोड़ रुपये है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण 6 साल से कम समय में होना था, लेकिन इसे पूरा होने में 10 साल का समय लगा है।  
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लाहौल घाटी पहले बर्फ की वजह से लगभग 6 महीने तक अलग-थलग रहती थी। लेकिन अब यह पूरे साल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। बर्फवारी का नहीं पड़ेगा असर।  
लाहौल घाटी पहले बर्फ की वजह से लगभग 6 महीने तक अलग-थलग रहती थी। लेकिन अब यह पूरे साल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। बर्फवारी का नहीं पड़ेगा असर।  
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‘अटल टनल’ से मनाली और लेह के बीच सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है। साथ ही दोनों जगहों के बीच का सफर करीब 4 से 5 घंटे का हो गया है। 
‘अटल टनल’ से मनाली और लेह के बीच सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है। साथ ही दोनों जगहों के बीच का सफर करीब 4 से 5 घंटे का हो गया है। 
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'अटल टनल' का दक्षिण पोर्टल (एसपी) मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, वहीं इसका उत्तर पोर्टल (एनपी) लाहौल घाटी में तेलिंगसिस्सु गांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 
'अटल टनल' का दक्षिण पोर्टल (एसपी) मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, वहीं इसका उत्तर पोर्टल (एनपी) लाहौल घाटी में तेलिंगसिस्सु गांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 
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यह टनल 8 मीटर सड़क मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल है। यह 10.5 मीटर चौड़ी है, साथ ही सुरक्षा के लिए इस टनल में 3.6x 2.25 मीटर फायर प्रूफ आपातकालीन निकास टनल भी है, जिसे मुख्य टनल में ही बनाया गया है। अटल टनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात के लिए डिज़ाइन किया गया है। 
यह टनल 8 मीटर सड़क मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल है। यह 10.5 मीटर चौड़ी है, साथ ही सुरक्षा के लिए इस टनल में 3.6x 2.25 मीटर फायर प्रूफ आपातकालीन निकास टनल भी है, जिसे मुख्य टनल में ही बनाया गया है। अटल टनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात के लिए डिज़ाइन किया गया है। 
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इस टनल में से वाहनों के गुज़रने और इसकी निगरानी को लेकर काफी हाइटेक इंतजाम किए गए हैं, दोनों पोर्टल्स पर टनल प्रवेश बैरियर लगे हुए हैं।
इस टनल में से वाहनों के गुज़रने और इसकी निगरानी को लेकर काफी हाइटेक इंतजाम किए गए हैं, दोनों पोर्टल्स पर टनल प्रवेश बैरियर लगे हुए हैं।
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आपातकालीन कम्युनिकेशन के लिए प्रत्येक 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन मौजूद है। प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम भी है। इसके अलावा प्रत्येक 250 मीटर दूरी पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं।
आपातकालीन कम्युनिकेशन के लिए प्रत्येक 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन मौजूद है। प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम भी है। इसके अलावा प्रत्येक 250 मीटर दूरी पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं।