Pimpri Chinchwad Municipal Corporation

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    पिंपरी. कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप से पिंपरी चिंचवड़ (Pimpri Chinchwad) का पूरा शहर ग्रस्त  हो गया है। फ्रंट लाइन वर्कर्स (Frontline Workers), हेल्थ वर्कर्स (Health Workers) और पैरामेडिक्स (Paramedics) समेत शहर के 38 हजार से ज्यादा योद्धाओं ने टीकाकरण (Vaccination) की सेकेंड डोज नहीं ली है। उपचार करने वालों का टीकाकरण शत-प्रतिशत पूर्ण नहीं होता है।  तो आप तीसरी लहर (Third Wave) को कैसे रोक सकते हैं? यह सवाल शिवसेना (Shiv Sena) के पिंपरी विधानसभा समन्वयक (Pimpri Assembly Coordinator) विजय गुप्ता (Vijay Gupta) ने उठाया है।

    एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से गुप्ता ने कहा कि, पिंपरी-चिंचवड़ में सक्रिय मरीजों की संख्या 2,62,999 पहुंच गई है। अब तक कोरोना 4,325 मरीजों की जान ले चुका है। अभी तक कोरोना का कोई ठोस इलाज नहीं है। गंभीर परिणामों को रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प है। शहर में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था। शहर में टीकाकरण की संख्या लाखों में पहुंच रही है।  विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की संभावना का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें डॉक्टर और नर्स की भूमिका अहम होगी। हालांकि, शहर में 100 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं किया गया है। यह खतरनाक है। शहर में 41 हजार 824 ‘फ्रंटलाइन वर्कर्स’ ने कोविड की पहली खुराक ली, जिसमें से केवल 16,682 ने दूसरी खुराक ली। पहली खुराक लेने वाले 30,113 स्वास्थ्य कर्मियों में से केवल 16,433 ने खुद को बचाने के लिए दूसरी खुराक ली। चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं है। तो तीसरी लहर को कैसे रोका जाए? इसमें महानगरपालिका आयुक्त की भूमिका भी भ्रमित करने वाली है।

    जो कर्मचारी डोज नहीं ले रहे हैं, उन्हें केवल वेतन निलंबन की चेतावनी दी गई है। यह जरूरी है कि वे समस्या की जड़ तक जाएं। यदि इन दोनों समूहों में से किसी एक में संभावित तीसरी लहर में कोरोना का बड़ा प्रकोप होता है, तो एक कठिन स्थिति उत्पन्न होगी, जिसके लिए आयुक्त जिम्मेदार होंगे। दूसरी खुराक के प्रति स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं में अवसाद का कारण स्पष्ट नहीं है। अब तक महानगरपालिका और अन्य प्रतिष्ठानों के 71,938 स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों ने पहली खुराक ली है, जबकि दूसरी खुराक 33,115 लोगों ने ही ली है। एक सौ प्रतिशत टीकाकरण नहीं हुआ है। इसके लिए प्रशासन या संबंधित विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन लोगों में टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या जो अभी भी दूसरी खुराक से दूर हैं।