Workers not coming to work at the original place

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पुणे. कोरोना महामारी (Corona Epidemic) की वजह से आयी आर्थिक (Financial) कमी से निकलने का रास्ता खोजने के लिए पुणेकरों पर वित्तीय बोझ डालने का फैसला पुणे महानगरपालिका कमिश्नर (Pune Municipal Corporation Commissioner)ने लिया है। पीएमसी कमिश्नर विक्रम कुमार ने आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए टैक्स (Tax) में 11 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव (Proposal) स्थायी समिति के समक्ष रखा है। 

इस बीच स्थायी समिति (Standing Committee) ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। समिति इस पर विशेष सभा में चर्चा करने का निर्णय लिया है। 

राजस्व में होगी 130 करोड़ की बढ़ोतरी 

स्थायी समिति के समक्ष रखे प्रस्ताव के अनुसार, इस कर वृद्धि से राजस्व में 130 करोड़ की वृद्धि की उम्मीद है।  हालांकि, स्थायी समिति ने विशेष सभा के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसलिए विशेष सभा में टैक्स बढ़ाने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसने सभी पुणेकरों का ध्यान आकर्षित किया है। प्रस्ताव के अनुसार, राजस्व में सामान्य कर में 5.5 प्रतिशत, स्वच्छता कर में 3.5 प्रतिशत और जल निकासी कर में 2 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है। परिणामस्वरूप पीएमसी को टैक्स से 2,164 करोड़ रुपए की आय होने की उम्मीद है। प्रस्ताव के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 मई 2021 तक, 5% या 10 प्रतिशत कर कटौती संपत्ति मालिकों के लिए बनाए रखी जाएगी जो आयकर की पूरी राशि का भुगतान करते हैं। इसके अलावा, वर्मीकम्पोस्ट, उर्वरक परियोजनाओं, सौर परियोजनाओं, वर्षा जल संचयन योजनाओं के लिए सहूलियत बनाए रखी जाएगी। वहीं, शहीदों की पत्नियों या माताओं को दी जाने वाली कर छूट जारी रहेगी। 

स्थायी समिति नहीं डालेगी बोझ 

इस बीच, स्थायी समिति ने इसको लेकर एक विशेष सभा लेकर प्रस्ताव पर निर्णय लेने का फैसला लिया है, लेकिन कहा जा रहा है कि राजनैतिक दल पुणेकरों पर टैक्स का बोझ नहीं आने देंगे। ऐसा हुआ तो पुणेकरों की नाराजगी भाजपा पर रहेगी। साथ ही मनपा चुनाव भी नजदीक आए है। इसके चलते किसी भी हाल में इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जाएगी, ऐसा माना जा रहा है।