बैंक अकाउंट बंद, पूर्ण नहीं होगी योजना; मामला शालेय पोषाहार की रकम अकाउंट में डालने का

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    • प्राथमिक शिक्षक समिति ने रद्द करने की लगाई गुहार 

    अमरावती. शालेय पोषाहार योजना अंतर्गत वर्ष 2021 में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान यह लाभ डीबीटी द्वारा छात्रों के बैंक अकाउंट में हस्तांतरित कार्यवाही करने का निर्णय सरकार ने लिया है, लेकिन इस योजना में आने वाली बाधाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय रद्द करने की मांग प्राथमिक शिक्षक समिति ने की है.

    बैंक नहीं कर रही सहयोग 

    छात्रों के स्वर्ण महोत्सवी अल्पसंख्याक सावित्रीबाई फुले छात्रवृत्ति के साथ अन्य विभिन्न छात्रवृत्ति जमा करने के लिए लाभार्थियों का अकाउंट निकालने का प्रयास शिक्षकों ने किया, लेकिन बैंकों ने नियमों का हवाला देते हुए 10 वर्ष आयु गुट के छात्रों के अकाउंट नहीं निकाले. इसके पूर्व भी बैंक अकाउंट में नियमित 6 माह से एक बार व्यवहार नहीं होने के कारण कई विद्यार्थियों के अकाउंट बंद हुए छात्रों को खोले गए बैंक खाते में कम से कम रकम शेष नहीं रहने से जुर्माना लगाया.

    अब कोई भी रकम लाभार्थी के अकाउंट में जमा होती है, तो उससे जुर्माने की रकम कट जाएगी. जिससे भी अभिभावकों का शिक्षकों पर रोष निर्माण होता है. अन्य बैंक छात्रों के शेष रकम से काटने का भी प्रयास करते हैं. इसीलिए यह काम छात्रों के बैंक अकाउंट में जमा ना करें.

    2 माह का कार्य 35 दिन में 

    कक्षा 1 से 5वीं के लिए प्रतिदिन 4.28 दर से कुल 156 रुपये 80 पैसे तथा प्रतिदिन कक्षा 6वीं से 8वीं के लिए प्रतिदिन 6.71 दर से कुल 234 पैसे जमा किए जाते हैं. इतनी कम रकम के लिए मजदूरी करने वाले अभिभावकों को बैंक अकाउंट निकालना भी सिर दर्द लग रहा है. इसीलिए यह निर्णय रद्द करने की मांग प्राथमिक शिक्षक समिति की ओर से की गई है.