विदेश में हिंदू जहां रहते हैं वहां जमीन खरीदकर भव्य मंदिर बनवाते हैं तथा अपने धर्म-संस्कृति को संजोए रखते हैं.
यद्यपि कनाडा में काफी बड़ी तादाद में भारतीय बसे हुए हैं तथा वहां की सरकार में भी भारतवंशी शामिल हैं लेकिन फिर भी वहां मंदिरों पर हमले और तोड़ फोड़ की घटनाएं हो रही हैं जो कि अत्यंत चिंताजनक हैं. इसका मतलब यही है कि वहां हिंदू विरोधी कट्टर ताकतें सक्रिय हैं. विदेश में हिंदू जहां रहते हैं वहां जमीन खरीदकर भव्य मंदिर बनवाते हैं तथा अपने धर्म-संस्कृति को संजोए रखते हैं. ऐसे मंदिर इंग्लैंड व अमेरिका में भी हैं. वहां जाकर आत्मिक शांति की अनुभूति होती है.
वहां भारतीय मूल के लोगों तथा उनके उपासना स्थलों को सुरक्षा देना सरकार व प्रशासन की जिम्मेदारी है. लेकिन इसमें लापरवाही बरती जा रही है. लगता है कि नफरत से जुड़े अपराध या हेट क्राइम की वजह से मंदिरों में तोड़ फोड़ के मामले हो रहे हैं. आस्ट्रेलिया में भी भारतवंशी इस तरह हमलों के शिकार हुए थे. कनाडा के ग्रेटर टोरंटो एरिया में मंदिरों व पूजा स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है.
इतनी अराजकता देखी जा रही है कि पिछले 10 दिनों में वहां के 6 से अधिक मंदिरों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की तथा दान पेटियों से नकदी और आभूषण लूट लिए. ऐसी घटनाओं की वजह से मंदिर के पुजारियों व भक्तों में भय व्याप्त है. कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में हनुमान मंदिर मां चिंतपूर्णी मंदिर, गौरीशंकर और जगन्नाथ मंदिरों में भी ऐसी ही तोड़फोड़ व लूटपाट हुई. जब भारत में मंदिरों के अलावा चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारा सभी सुरक्षित हैं तो कनाडा सरकार व स्थानीय प्रशासन को भी अपने देश में हर कीमत पर मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
विध्वंसकारी तत्वों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. जो मंदिर आबादी के लिहाज से दूरी पर हैं वहां रक्षक तैनात किए जाने चाहिए ताकि कोई ओछी प्रवृत्ति का सिरफिरा उपद्रवी वहां फटक न सके. आस्था पर ऐसा आक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.