फ्लोर टेस्ट से लगी मुहर, जीत गए नीतीश विपक्ष नहीं ‘हारा’

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मुकद्दर के सिकंदर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विश्वास मत रूपी बाजी आसानी से जीत ली।  लेकिन यह भी उल्लेखनीय है कि बिहार में विपक्ष को तोड़ने के बीजेपी व जदयू के प्रयासों को तनिक भी सफलता नहीं मिल पाई।  विपक्ष पूरी तरह एकजुट रहा।  फ्लोर टेस्ट के दौरान विपक्ष ने वाकआउट किया और विश्वास मत के पक्ष में 129 वोट पड़े।  243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए 122 वोटों की जरूरत थी।  उसमें भी 7 वोट ज्यादा लेकर मुख्यमंत्री नीतीशकुमार विपक्ष पर भारी पड़े।  4 तथा रहा।  विपक्ष के नहीं हो पाए।  अवधबिहारी पद से हटा दिया राष्ट्रीय जनता के 19, लेफ्ट एआईएमआईएम इनकी कुल संख्या एक दिन पहले उत्पन्न हो गई थी के 6 तथा जदयू के का पता नहीं था। 

इससे कि तेजस्वी यादव करेंगे।  जब ये विधायक कुमार के करीबी मंत्री श्रवणकुमार के आवास पर हुए भोज में नहीं पहुंचे थे तो शंका होने लगी थी।  विधायी मामले के मंत्री विजयकुमार चौधरी ने जदयू विधायक दल की बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि व्यक्तिगत कारणों से अनुपस्थित विधायकों ने इसकी पूर्व सूचना दी थी।  वे विश्वास मत में अवश्य हाजिर रहेंगे।  ऐसा ही हुआ सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपनी जीत दर्ज कर दिखा दिया कि सरकार की नींव मजबूत है। 

विश्वास मत पर चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीशकुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अब तक 9 बार शपथ ले चुके नीतीश ने एक टर्म में तीसरी बार शपथ ली है।  बीजेपी के 78, जदयू के 45, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के 1 निर्दलीय सभी का समर्थन पूरी तरह नीतीश के साथ एनडीए में फूट डालने के तथाकथित प्रयास सफल विश्वास मत के पूर्व चौधरी को स्पीकर गया था।  विपक्ष से दल के 79, कांग्रेस के 16 तथा का 1 सदस्य है।  115 होती है।  सस्पेंस की स्थिति क्योंकि बीजेपी 9 विधायकों लग रहा था कुछ ‘खेला’ नीतीश नीतीश ने अपने भाषण में दावा किया कि बिहार में अब जंगलराज नहीं है, राज्य में सुशासन की खातिर 7 निश्चय’ मैंने ही लिए थे। 

हम हमेशा के लिए इधर (बीजेपी के साथ) आए हैं। हमने समाज के हर तबके के व्यावहारिकता का परिचय लिए काम किया।  नीतीशकुमार का विश्वास मत जीतना दर्शाता है कि वे राजनीति की नब्ज बहुत अच्छी तरह पहचानते हैं।  भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू परिवार से दूरी बनाकर उन्होंने दिया।  राजद से गठबंधन तोड़ बीजेपी से गठजोड़ किया, जिस पर विश्वास मत से मुहर लग गई।  इस सहयोग की वजह से बिहार के विकास के लिए केंद्र की मोदी सरकार अनुकूल रुख अपनाएगी।  नीतीश पलटी तो मारते हैं लेकिन सही मौका देखकर!