उदयपुर में हैवानियत, हत्यारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए

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    राजस्थान के उदयपुर में हिंसा और क्रूरता की पराकाष्ठा हुई जब दिनदहाड़े एक युवक की तालिबानी तरीके से सिर काटकर हत्या की गई. हत्यारों ने उस पर तलवार के कितने ही वार किए. पेशे से दर्जी उस युवक ने 10 दिन पहले नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी. हत्यारों ने इसी वजह से उसका बर्बरता से कत्ल कर दिया. यह ऐसी कट्टरता और हैवानियत है जिसकी जितनी निंदा की जाए, उतना ही कम है. जिस तरह सिर धड़ से अलग किया गया, उससे यह काम किसी पेशेवर हत्यारे का लगता है. 

    हत्यारे ने इतना दुस्साहस दिखाया कि  हत्या का पूरा वीडियो बनाया और वारदात के बाद हथियार दिखाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर हत्या की जिम्मेदारी भी ली. इस वीडियो में उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को धमकी दे डाली. क्या ऐसी घृणित हरकतें बर्दाश्त की जा सकती हैं? जो लोग देश के कानून को न मानकर ऐसी अराजकतापूर्ण हैवानियत दिखा रहे हैं, उन्हें कठोरतम सजा दी जानी चाहिए. नूपुर शर्मा प्रकरण को भुला देने की बजाय व्यर्थ ही तूल देने के पीछे अवश्य ही आतंकवादी ताकतें हो सकती हैं. 

    इसे देखते हुए नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआईए) की 6 सदस्यीय टीम दिल्ली से उदयपुर पहुंची है. इस प्रकरण को आतंकी हमले की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है तथा मामले की पूरी जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है. इसमें आईएसआईएस का हाथ होने का संदेह है. बीजेपी ने नूपुर शर्मा को उनके अस्वीकार्य बयान के लिए तत्काल प्रवक्ता पद और पार्टी से बर्खास्त कर दिया था तथा उनका समर्थन करने वाले एक अन्य नेता को भी हटा दिया था. 

    भारत सरकार देश-विदेश में स्पष्ट कर चुकी है कि नूपुर ने जो कुछ कहा, वह बीजेपी या सरकार की राय बिल्कुल भी नहीं है. इतने पर भी शरारती तत्व मामले को तूल देते हुए हिंसा भड़काने की साजिश में लगे हैं. अत्यंत सख्ती के साथ शांति भंग करने वाले उपद्रवी तत्वों पर कार्रवाई होनी चाहिए. देश में सिर्फ कानून का राज चलना चाहिए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी इस जघन्य हत्या की कड़ी निंदा करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.