संसदीय प्रणाली के बावजूद ब्रिटेन में आज भी 360 वर्ष पुराना राजतंत्र एक परंपरा के रूप में कायम है. छठे जार्ज की मृत्यु के बाद उनकी बेटी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 1953 में राज्याभिषेक हुआ था तब उनकी आयु सिर्फ 23 वर्ष थी. एलिजाबेथ का 95 वर्ष की आयु में सितंबर 2022 में निधन हुआ. तब प्रिंस चार्ल्स के नाम की अगले राजा के रूप में अधिकृत घोषणा की गई थी. अब उनकी भव्य समारोह में कैंटरबरी के बिशप द्वारा विधिवत ताजपोशी की गई. 75 वर्ष की आयु में वे राजसिंहासन पर बैठे. एक समय कहा जाता था कि अंग्रेजों के राज में कभी सूरज नहीं डूबता. एशिया, अफ्रीका सहित विश्व के अनेक देशों में अंग्रेजों की हुकूमत थी. फिर यह देश आजाद होते चले गए. अमेरिका (यूएसए) भी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था लेकिन जार्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में हुए युद्ध के बाद 1776 में आजाद हो गया. 1947 में भारत स्वतंत्र हो गया. इसके बाद 1948 में श्रीलंका को आजादी मिली. राष्ट्रमंडल या कॉमनवेल्थ की स्थापना 1931 में हुई थी लेकिन इसका आधुनिक स्वरूप 28 अप्रैल 1949 को सामने आया. राष्ट्रमंडल या राष्ट्रकुल 53 स्वतंत्र देशों का समूह है जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे. अमेरिका राष्ट्रमंडल का सदस्य नहीं है. अफ्रीकी देश मोजाम्बिक और रवांडा कभी भी ब्रिटिश साम्राज्य के गुलाम नहीं रहे फिर भी वे राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं. कॉमनवेल्थ का औपचारिक प्रमुख ब्रिटेन का महाराजा या महारानी रहते हैं. क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद अब किंग चार्ल्स इसके प्रमुख होंगे. कॉमनवेल्थ के 53 सदस्य देशों में 30 छोटे देशों का समावेश है. इनमें अफ्रीका के 19 देश, उत्तर व दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के 13 देश, प्रशांत क्षेत्र के 11 देश, एशिया महाद्वीप के 7 देश और यूरोप के केवल 3 देश शामिल हैं. राष्ट्रमंडल का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों के नागरिकों के हितों की रक्षा करना, उनके जीवनस्तर को उठाने का प्रयास करना तथा उनके मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना है. जिन देशों में भारत का दूतावास नहीं है और वहां किसी भारतीय नागरिक को मदद की जरूरत है तो कॉमनवेल्थ की सदस्यता के कारण वह नागरिक ब्रिटिश दूतावास से मदद मांग सकता है. कॉमनवेल्थ देशों में आर्थिक तथा अन्य सहयोग भी है. ये सदस्य देश अपने घरेलू या बाहरी मामलों में ब्रिटेन के अधीनस्थ नहीं हैं. हर 4 वर्ष बाद कॉमनवेल्थ गेम्स होते हैं. प्रत्येक 2 वर्ष में कॉमनवेल्थ के सदस्य देशोें के प्रमुखों की बैठक होती है.