यह है विधि का विधान अपनी मौत मर रहे कुख्यात आतंकवादी

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जो जैसा बोएगा, वैसा ही काटेगा! आतंकवादी भी अपनी मौत मरने के लिए अभिशप्त हैं। निर्दोषों के खून से अपने हाथ रंगनेवाले दरिंदों के पाप का घड़ा जब भर जाता है तो ईश्वर उन्हें दंड़ित करता है। लोगों की बद्दुआ उनकी मौत की वजह बनती है। यह विधि का विधान है। 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमला हुआ था। जिसमें अनेक वायुसैनिकों की जान गई थी। कुछ वर्ष पूर्व प्रदर्शित फिल्म ‘उरी’ में यह दुर्देवी घटना दिखाई गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्र तबाह कर दिए थे।

अब पाकिस्तान में पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड तथा भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की हत्या कर दी गई। आतंकवादी गुटों में आपसी वर्चस्व के झगड़े होते रहते हैं। इसके अलावा हिंसक प्रवृत्ति के ड्रग लेनेवाले बदमिजाज आतंकियों में आपसी कहासुनी बढ़कर गोलीबारी में बदल जाती है।

इसलिए संभव है कि किसी अन्य आतंकी ने शाहिद लतीफ को मारा हो! पाकिस्तान की आर्मी और खुफिया एजेंसी आईएसआई देहातों के गरीब अभावग्रस्त युवकों को चुनकर अपने आतंकी शिविरों में फिदायीन बनने की ट्रेनिंग देती हैं। ब्रेन वाशिंग कर भारत के खिलाफ उनके मन में जहर भर दिया जाता है और घातक हथियारों व विस्फोटकों से लैस कर जंगलों व नालों के रास्ते सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में भेज आतंकी हमले कराए जाते हैं।

26/11 के आतंकी हमले में एकमात्र जीवित पकड़ा गया अजमल कसाब तो अपने साथियों के साथ समुद्री मार्ग से मुंबई आया था। भारत द्वेषी आतंकी सिर्फ पाकिस्तान नहीं अन्यत्र भी पनप रहे हैं। गत 18 जून को अज्ञात हमलावरों ने खालिस्तानी हरदीपसिंह निज्जर की कनाडा में हत्या कर दी थी। संभव है कि खालिस्तानी गुटों का आपसी टकराव निज्जर की मौत की वजह बना हो। भारत के खिलाफ साजिश रचनेवालों पर कुदरत का कहर टूट रहा है।

हमारा देश हमेशा शांति और सौहार्द का समर्थक रहा है तथा ‘जियो और जीने दो’ की भावना लेकर चलता है। भारत ने पाकिस्तान को बार-बार चेताया है कि वह आतंकवाद का रास्ता छोड़ दे लेकिन आमने सामने की लड़ाई में हमेशा मुंह की खाने के बाद उसने आतंकवाद रूपी प्रॉक्सीवार का सहारा लिया। पाकिस्तान हर आतंकी हमले की जड़ में है। इंटरपोल भी दाऊद इब्राहिम को नहीं पकड़ पाया जो 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट का मास्टर माइंड रहा है। पाकिस्तान ने उसे तथा हाफिज सईद को पनाह दे रखी है। पाक तो इन्हें भारत के हवाले कर नहीं रहा है लेकिन वे कभी न कभी अवश्य अपनी करनी का फल भोगेंगे।