आघाड़ी में फोड़ाफाड़ी

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महाविकास आघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) (MVA)में सबकुछ ठीक नहीं है. कहने को शिवसेना( Shiv Sena), एनसीपी और कांग्रेस (Congress) एक साथ हैं लेकिन कांग्रेस और शिवसेना के संबंधों में सहजता नहीं है. इसी तरह एनसीपी भी कांग्रेस की कीमत पर अपना वर्चस्व बढ़ाने में लगी है. घात-प्रतिघात की राजनीति चल रही है. जिसे जहां मौका मिल रहा है वहां वह हाथ मार रहा है. मुंबई में बीएमसी के चुनाव के पूर्व 18 कांग्रेस कार्पोरेटर पार्टी छोड़कर एनसीपी में शामिल हो गए.

इससे नाराज होकर कांग्रेस ने बागी कार्पोरेटरों के खिलाफ अनुशासन की कार्रवाई शुरू की तथा उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए विभागीय आयुक्त के पास याचिका दायर की. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी चंद्रपुर जिले में शिवसेना को करारा झटका दिया. चंद्रपुर जिला सेंट्रल बैंक के निदेशक व शिवसेना नेता संदीप गड्डमवार (Sandeep Gaddamwar) तथा जिला बैंक के निदेशक रवींद्र शिंदे सहित सैकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए. संदीप के पिता वामनराव गड्डमवार वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व राज्यमंत्री होने के अलावा चंद्रपुर-गडचिरोली जिप के अध्यक्ष थे. इसलिए संदीप का कांग्रेस में शामिल होना आश्चर्य की बात नहीं है. विदर्भ में वैसे भी शिवसेना की तुलना में कांग्रेस मजबूत रही है. शिवसेना का विशेष प्रभाव पश्चिम महाराष्ट्र में है. ऐसा माना जा रहा है कि संदीप गड्डमवार व शिंदे के कांग्रेस में शामिल हो जाने से चंद्रपुर जिले में पार्टी को मजबूती मिलेगी.