कुली, कुलीन और कुल बिग बी, गोविंदा से ट्रेनिंग लें राहुल

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज हमें आश्चर्य है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अचानक कुली क्यों बन गए? उन्होंने दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पर पहुंचकर कुली की लाल वर्दी पहनी, बांह पर बिल्ला भी लगाया. कुछ देर ठेला गाड़ी पर  बैठे, सिर पर सामान को उठाया. यह उनका कौन सा अंदाज हैं? अपने बेटे को कुली बनते देख सोनिया गांधी को कितनी वेदना हुई होगी?’’

हमने कहा, ‘‘अभिनेता के समान नेता भी हर तरह का रोल निभाने में माहिर होते हैं. ऐसी भूमिका निभाकर राहुल ने कांग्रेस के लिए देश के सारे कुलियों के वोट पक्के कर लिए. उन्हें कुली के रूप में सामान ढोते हुए जाना भी चाहिए था- लोग आते हैं, लोग जाते हैं, सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं. शायद राहुल गांधी को कुली बनने का आइडिया अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘कुली’ देखकर आया होगा अथवा उन्होंने गोविंदा की फिल्म ‘कुली नंबर वन’ देखी होगी. वैसे कली बनना खतरे से खाली नहीं है? अमिताभ बच्चन को फिल्म ‘कुली’ के सेट पर फाइटिंग सीन के दौरान पेट पर पुनीत इस्सार का घूंसा लग गया था. जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में मुंबई के लीलावती हास्पिटल में भर्ती करना पड़ा था. इंदिरा गांधी भी उन्हें देखने आई थीं. बड़ी मुश्किल से उनकी जान बची थी.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पिछले समय चुनावी दोर में राहुल गांधी ने खुद को कुलीन दत्तात्रेय गोत्र का जनेऊधारी ब्राह्मण बताया था. लोग हैरत में पड़ गए थे कि पारसी फिरोज गांधी के पौत्र और इटालियन माँ के पुत्र होने के बावजूद वह ब्राह्मण कैसे हो गए?’’

हमने कहा, ‘‘जो भी व्यक्ति ब्रम्ह को जानता है वह ब्राह्मण है. जन्म के अलावा कर्म से भी व्यक्ति ब्राह्मण बन सकता है. जवाहरलाल कश्मीरी ब्राह्मण थे. उनकी बेटी इंदिरा गांधी राहुल की दादी थी. भारत की राजनीति में नेहरू-गांधी कुल की खास हैसियत रहती आई है. अभी राहुल गांधी अपनी जमीन तलाश रहे हैं क्योंकि ‘इंडिया’ के लिए वोटों की फसल उगानी है. उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा निकालकर केरल से कश्मीर तक की जमीन नाप डाली. राहुल ट्रक ड्राइवरों, मोटर मैकेनिकों, छात्रों, किसानों, सब्जी मंडी के दूकानदारों के बीच भी अचानक इसी तरह पहुंचते रहे हैं और आत्मीयता से उनका हालचाल पूछते व मेलजोल बढ़ाते देखे गए. वे अध्यक्ष बनकर पार्टी का बोझ नहीं उठा पाए लेकिन कुली बनकर पैसेंजर के सूटकेस का बोझ आसानी से ढो लिया.’’