nishanebaaz- Law Minister Kiren Rijiju interrupted, do not cross the Lakshman Rekha

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, राजनीति में आम तौर पर चेतावनी के तौर पर कहा जाता है कि लक्ष्मण रेखा पार न की जाए. सरकार विपक्ष को इसी प्रकार की हिदायत देती है. हमें बताइए कि सिर्फ लक्ष्मण रेखा क्यों होती है? राम रेखा या कृष्ण रेखा क्यों नहीं होती?’’

हमने कहा, ‘‘यद्यपि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं लेकिन मर्यादा की असली लकीर लक्ष्मण ने अपने धनुष के सिरे से जमीन पर खींची थी और सीता माता को कुटिया के चारों ओर खींची गई उस रेखा से बाहर नहीं निकलने का निवेदन किया था. रावण जानता था कि वह रेडियोएक्टिव लाइन है. उसे पार करेगा जो जल जाएगा. इसीलिए साधु का वेश धरे रावण ने कहा कि वह बंधी भिक्षा नहीं लेगा. सीता को भिक्षा देनी है तो उस रेखा से बाहर आकर दें. सीता ने सोचा कि साधु को अपने द्वार से भूखा लौटा देना ठीक नहीं होगा, इसलिए वह लक्ष्मण रेखा पार कर बाहर आईं और रावण उन्हें हर कर पुष्पक विमान में लंका ले गया. त्रेता युग में खींची गई लक्ष्मण रेखा का आज भी उल्लेख होता है. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कुछ रिटायर्ड जज भारत विरोधी गैंग में है और एक्टिविस्ट के समान बर्ताव कर रहे हैं और चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए. रिजिजू ने ऐसे लोगों को चेतावनी दी कि लक्ष्मण रेखा पार न करें. उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, रेखा शब्द से हमें भूगोल की कर्क रेखा, मकर रेखा और भूमध्य रेखा की याद आती है. ऐसे ही अक्षांश और देशांश रेखाएं भी होती हैं. फिल्म अभिनेत्री रेखा का भी एक जमाना रहा जिसकी अमिताभ बच्चन के साथ जोड़ी खूब जमा करती थी. हमारी पाकिस्तान के साथ विभाजन रेखा एलओसी (लाइन आफ कंट्रोल) तथा चीन के साथ की सीमा रेखा एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) कहलाती है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान की विभाजन रेखा डूरंड लाइन कहलाती है. आम बोलचाल में कोई नहीं कहता कि लक्ष्मण रेखा मत लांघना बल्कि लोग धमकाते हुए कहते हैं- जरा अपनी लिमिट या औकात में रहो.’’