बहुत काम आया कैदी का मोटापा, हत्यारा हो गया जेल से रिहा

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, इटली में 30 वर्ष की सजा सुनाए गए एक हत्यारे को जज ने जल्दी ही जेल से रिहा कर दिया. इसकी वजह यह थी कि वह जेल में डाइटिंग नहीं कर पा रहा था. गिरफ्तारी के समय उसका वजन 100 किलो था लेकिन बाद में बढ़कर 200 किलो हो गया.’’

हमने कहा, ‘‘यदि इटली के कोर्ट की मिसाल मान ली जाए तो हमारे यहां भी घोटालेबाज या अन्य आरोपों में फंसे वजनदार नेता भी जेल से रिहा हो सकते हैं. आमतौर पर खाते-पीते नेताओं का वेट कुछ ज्यादा ही रहता है. जेल में कैदी के आचरण के साथ उसके वजन पर भी निगाह रखनी चाहिए. मोटे-ताजे कैदी को सरकारी खर्च पर जेल में पालकर रखने की क्या जरूरत है? उसे उसी के मकान में नजरबंद या हाउस अरेस्ट किया जा सकता है. उसे कोई ऐसा गैजेट पहना दिया जाए जिससे उसकी गतिविधियों की निगरानी की जा सके.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कैद और रिहाई को लेकर हमारी फिल्मों में कितने ही गाने हैं. आपने सुना होगा- तेरी जुल्फों से जुदाई तो नहीं मांगी थी, कैद मांगी थी, रिहाई तो नहीं मांगी थी. जहा तक इटली के कैदी दिमित्री फ्रिकानो का मामला है, उसने अपनी प्रेमिका की 57 बार चाकू से गोदकर हत्या की थी. इस अपराध के लिए उसे 30 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी. वजन बहुत ज्यादा बढ़ जाने से वह चल-फिर नहीं पाता था और व्हील चेयर पर रहता था. डाक्टरों ने उसे वजन घटाने की सलाह दी लेकिन जेल में उसे कैदियों वाला खाना मिलता था जिससे उसकी डायटिंग नहीं हो पा रही थी. इस हालत में जजों के एक पैनल ने उसे जेल से रिहा कर हाउस अरेस्ट में रखने का आदेश दिया. अब वह अपने घर में रहेगा और खुराक घटाते हुए कम कैलोरी वाला खाना खाकर अपना वजन घटाएगा.’’

हमने कहा, ‘‘ऐसा मानकर चलिए कि उसका वजन घट गया तो फिर जेल का पंछी जेल में पहुंच जाएगा. इसलिए मोटा बने रहने में ही उसकी खैरियत है. मोटापे के लिए सिर्फ खानपान ही जिम्मेदार नहीं होता बल्कि कुछ हारमोन्स की सक्रियता की वजह से भी मोटापा बढ़ता है. रही बात इटली की अदालत के फैसले की तो वहां के अपराधी गिरोहों या माफिया की कमी नहीं है. एक कैदी रिहा हुआ तो 4 नए पकड़ लिए जाएंगे. उनका कोटा कम नहीं होगा.’’