भारत को धमकी, चीन से भीख, मुइज्जू को जल्द मिलेगी सीख

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पड़ोसी ने हमसे कहा ‘निशानेबाज पहले हम मालदीव (Maldives) घूमने जाने वाले को थे लेकिन अब नहीं जाएंगे.’ 

हमने कहा’ आप तो पिछली बार लंदन भी नहीं गए थे. बाद में पता चला कि पैसों का इंतजाम नहीं था. इस बार भी ऐसा ही कुछ है क्या? उन्होंने खीजते हुए कहा, ‘नहीं, हम वहां के नए राष्ट्रपति मुइज्जू (Mohamed Muizzu) से खफा हैं. भारत के दम पर पलने वाले मालदीव को वे चीन की ओर झुकाने में लगे हुए हैं. उनकी चीनपरस्ती का आलम यह है कि सबसे पहले भारत को अपने सैनिकों की वहां से तैनाती हटाने को कह दिया. फिर चीन के दौरे पर भीख का कटोरा लेकर पहुंचे तो वहां से भारत को धमकाने की जुर्रत कर डाली. क्या वे नहीं जानते कि जिस द्वीप का अस्तित्व ही अगले 70 वर्षों में मिट जाने वाला हो, उसकी हुक्मरानी पर वे कैसे घमंड कर सकते हैं. 

हमने कहा, ‘अरे यार, इतना मन पर मत लो. मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक ही होती है. यह बात मुइज्जू भी जानते हैं कि उनका आका उनको बोलबचन दे रहा है. थोड़ी मदद कर सुक्खी लाला जैसा सारा ब्याज वसूल लेगा लेकिन उन्हें मालदीव की जनता को भी तो जताना है कि पिछली सरकार से हम कितने अलग हैं. पहले की भारत समर्थक सरकार की तुलना में चीन चीन से आर्थिक मदद लेकर हम कैसे मालदीव स्वर्ग बना सकते हैं.

पड़ोसी बोला’ ‘मुइज्जू ने एक और बहुत खराब काम किया है. मुइज्जू के एक गलत फैसले ने एक बच्चे की जान ले ली. ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित बच्चे की मेडिकल इमरजेंसी के लिए भारतीय हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल करना था जिसकी अनुमति मालदीव सरकार ने नहीं दी. इसकी वजह से कारण उसकी मौत हो गई.’ 

हमने कहा, ‘इसे ही कहते हैं विनाशकाले विपरीत बुद्धि. सत्ता संभालते ही अपने निकटतम पड़ोसी के अहसानों को भूल जाने वाले, भारत के पर्यटकों के कारण मिलने वाली विदेशी मुद्रा को झूठे आत्मसम्मान और चीनपरस्ती के लिए ठुकराने वाले शख्स से उम्मीद भी क्या की जा सकती है. ऐसा करिए, आप लक्षद्वीप की सैर कर आइए. यह मालदीव से लाख गुना सुंदर और दर्शनीय है. आप भी मजे में रहेंगे और सरकारी खजाने में भी पैसे जमा होंगे. जिस चीन ने पाकिस्तान को कंगाल बना डाला, वह मालदीव को भी गन्ने की तरह चूस लेगा. आज नहीं तो कल मालदीव के सिरफिरे मुइज्जू की अक्ल ठिकाने आ ही जाएगी.’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘आपने ठीक कहा. हम आज ही लक्षद्वीप के लिए टिकट बुक करते है।