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    -विनय कुमार

    क्रिकेट साउथ अफ्रीका (Cricket South Africa) के पूर्व डॉयरेक्टर और क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ (Graeme Smith) को CSA Board के  सामाजिक न्याय और राष्ट्र-निर्माण (CSA’s Social Justice and Nation-Building (SJN) process.) आयोग की रिपोर्ट के परीक्षण के बाद रेसिज़्म के गंभीर आरोपों से बरी कर दिया गया है. डुमिसा नतसेबेजा की अगुवाई वाले आयोग ने 2021 दिसंबर में अपनी 235 पेज रिपोर्ट में जिन लोगों पर न रेसिज़्म में शामिल रहने के आरोप लगाए थे, उनमें ग्रीम स्मिथ (Graeme Smith), टीम के मौजूदा हेड कोच मार्क बाउचर (Mark Boucher) और पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स (AB de Villiers) के नाम भी शामिल थे।

    CSA’s Social Justice and Nation-Building (SJN) process रिपोर्ट ने भेदभाव और नस्लवाद के आरोपों को लेकर कई ‘अस्थायी निष्कर्ष’ निकाले थे। हालांकि माना जा रहा था कि वह जांच प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की जा चुकी थी। लेकिन, इसके बाद ही क्रिक्रेट साऊथ अफ्रीका ने इस मामले में औपचारिक तौर पर जांच शुरू की थी। उस जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि ग्रीम स्मिथ (Graeme Smith) ने अश्वेत खिलाड़ियों को अपने देश के नेशनल टीम में चयन नहीं करके उनके साथ भेदभाव किया था।

    एडवोकेट नगवाको मेनेत्जे एससी और माइकल बिशप (Ngwako Maenetje SC and Michael Bishop) ने एक पूरी न्यायिक जांच पूर्ण प्रक्रिया से गुजरने के बाद ग्रीम स्मिथ को उन पर लगाए गए सभी तीन आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया। CSA के बयान में कहा गया है, ‘‘इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कोई ठोस आधार नहीं था, जिससे कि स्मिथ 2012 से 2014 के दरम्यान थामी सोलेकिले (former wicketkeeper Thami Tsolekile)  के खिलाफ रेसिस्ट भेदभाव करने में शामिल थे।”

    इस बयान में आगे यह भी बोला गया है की,  कहा गया ‘‘इस निर्णय पर पहुंचने के लिए भी कोई सॉलिड प्रमाण  नहीं था कि Graeme Smith कप्तानी करते हुए अश्वेतों के प्रति पक्षपाती रवैया अपनाते थे। इसके अलावा, साउथ अफ्रीका की टीम के कोच के तौर पर  इनोक नकवे की बजाय मार्क बाउचर (Mark Boucher) को नियुक्त करने में उनका कोई रेसिस्ट इरादा नहीं था।”