जब टीम इंडिया ने कपिल देव की कप्तानी में रच दिया था इतिहास, 38 साल पहले बनी ‘वर्ल्ड चैंपियन’

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    नयी दिल्ली. यूँ तो भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने अनेकों जीत और कामयाबी के जश्न देखें हैं। लेकिन कभी सोचा है या सहीं मायनों में कब और कहाँ से शुरू हुआ था। जी हाँ दोस्तों आज के ही दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने 38 साल पहले कपिल देव (Kapil Dev) की कप्तानी में 1983 में विश्व कप (World Cup) का खिताब जीतकर एक वृहद् इतिहास रच दिया  था। अब कभी उसी टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ी यहां गुड़गाव में इस जीत के 38 वर्ष होने के अवसर पर इस अभियान से जुड़ी एक किताब के विमोचन के लिए इक्टठा हुए थे।

    जब भारत बना वर्ल्ड चैंपियन :

    आपको बता दें कि आज के ही दिन भारतीय टीम ने फाइनल में क्लाइव लॉयड के नेतृत्व वाली धाकड़ वेस्टइंडीज की टीम को हराया था जो उस बार भी अपना लगातार तीसरा विश्व कप जीतने केइरादे से मैदान में उतरी थी। पता हो कि वेस्टइंडीज ने 1975 और 1979 का खिताब जीता था। 1983 के फाइनल मुकाबले में भारत ने 60 ओवर में 183 रन बनाए थे। एक समय तो भारत के श्रीकांत (38) और मोहिंदर अमरनाथ (26) ने टीम को अच्छी स्थिति पर ले आये थे। लेकिन फिर इनके आउट होते ही भारतीय पारी पूरी तरह से बिखर गई।

    एक वक़्त वह भी आया जब भारत के के रन 6 विकेट पर 111 रने थे और तब ऐसा लग रहा था कि भारत अब शायद 150 रन भी पुरे नहीं बना पाएगा। लेकिन तभी निचले क्रम में मदन लाल, सैयद किरमानी और बलविंदर सिंधू ने अपने कुछ स्कोर कर भारत को एक प्रकार से लड़ने लायक स्थिति तक पहुंचा दिया।

    हालांकि, इस बेहतरीन जीत में भारत के ऑलराउंडर्स ने बड़ी ही अहम भूमिका निभाई। इस मैच में जहाँ अमरनाथ और मदन लाल ने 3-3 विकेट हासिल लिए। जबकि रोजर बिनी को भी 1 विकेट हासिल हुआ था। एक रोचक बात यह भी थी कि वेस्टइंडीज की टीम एक समय 1 विकेट खोकर 50 रन के स्कोर पर थी लेकिन फिर मदन लाल ने विवियन रिचर्ड सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों को आउट कर मैच का पासा ही पलट दिया और भारत की मैच में शानदार वापसी कराई। इसके बाद तो पूरी वेस्टइंडीज की टीम मात्र 140 रनों पर पेवेलियन लौट गयीऔर भारतीय टीम ने विश्वकप उठा एक बहुत बड़ा इतिहास रच दिया।अगर आज भी आप उस मैच को स्मरण करेंगे तो लाजमी है कि आपके रौंगटे खड़े हो जाएँ।