बीजापुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) में नक्सलियों ने एक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता को मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने बीजेपी नेता तिरुपति कटला (Tirupati Katla) पर जानलेवा हमला किया था इस हमले में वह बुरी तरह घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन इस दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
छत्तीसगढ़ के मंत्री केदार कश्यप ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैन्डल पर लिखा, “बीजापुर के भाजपा नेता एवं जनपद सदस्य तिरुपति कटला जी के देवलोकगमन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूँ। शोकसंतप्त परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। “ॐ शांति”
बीजापुर के भाजपा नेता एवं जनपद सदस्य तिरुपति कटला जी के देवलोकगमन की दुःखद सूचना प्राप्त हुई।
मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूँ। शोकसंतप्त परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
"ॐ शांति" pic.twitter.com/xtqBDy7Byc
— Kedar Kashyap (@KedarKashyapBJP) March 1, 2024
धारदार हथियार से किया हमला
मिली जानकारी के अनुसार, नक्सलग्रस्त बीजापुर में जनपद सदस्य तिरुपति कटला पर नक्सलियों ने धारदार हथियार से हमला किया था। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन इस दौरान उनकी मौत हो गई। बीजेपी नेता किसी शादी में शामिल होने के लिए तोयनार गांव गए थे। यहां से लौटते व्यक्त नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया।
एक वर्ष में भाजपा नेता की यह सातवीं हत्या
पिछले एक वर्ष में राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा किसी भाजपा नेता की यह सातवीं हत्या है। पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा की नारायणपुर जिला इकाई के उपाध्यक्ष रतन दुबे की जिले के झाराघाटी थाना क्षेत्र के एक बाजार में धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। दुबे तब चुनाव प्रचार कर रहे थे।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
पिछले वर्ष 20 अक्टूबर को मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के सरखेड़ा गांव में संदिग्ध माओवादियों ने भाजपा कार्यकर्ता बिरजू ताराम की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जून में बीजापुर जिले में संदिग्ध नक्सलियों ने एक स्थानीय भाजपा नेता की हत्या कर दी थी। पिछले साल ही फरवरी में बस्तर संभाग में अलग-अलग स्थानों पर इसी तरह की घटनाओं में तीन भाजपा नेताओं की हत्या कर दी गई थी। पिछली कांग्रेस सरकार में विपक्ष में रही भाजपा ने इन हत्याओं को “लक्षित” हत्याएं करार दिया था और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।