Arvind Kejriwal at Delhi Assembly

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    नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा (Delhi Vidhan Sabha) के विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व में उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) पर सरकार के काम में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए विधानसभा से एलजी के दफ्तर तक मार्च किया। वहीं, सीएम केजरीवाल ने सदन में एलजी पर निशाना भी साधा। 

    सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में दावा किया कि, ‘एक बैठक में एलजी वीके सक्सेना ने उनसे कहा था कि बीजेपी की एमसीडी में 20 सीट नहीं आ रही थी, मेरी वजह से 104 आई। आने वाले लोकसभा में 7 सीट बीजेपी की आएगी और तुम्हें विधानसभा चुनाव जीतने नहीं दूंगा।’

    क्या बोले सीएम?

    मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि, “स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को सक्सेना ने खारिज कर दिया है, लेकिन एलजी के दफ्तर ने इस आरोप से इनकार किया। उन्होंने साथ ही कहा कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। हम भी कल केंद्र में सत्ता में आ सकते हैं हमारे भी उपराज्यपाल होंगे। हमारी सरकार जनता को परेशान नहीं करेगी।’’ उन्होंने कहा कि, एलजी के पास खुद फैसले करने का अधिकार नहीं है।

    ‘तानाशाही बर्दाशत नहीं करेंगे’

    सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि, दिल्ली ‘तानाशाही’ बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने बाद में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजकर रहेगी।

    गौरतलब है कि, दिल्ली विधानसभा के सत्र की पहले दिन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। क्योंकि ‘आम आदमी पार्टी के विधायक एलजी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बार-बार अध्यक्ष के आसन के पास आ रहे थे। 

    ‘एलजी ने किया दिल्ली की जनता का किया अपमान’

    वहीं, दिल्ली के सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलजी वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों से मिलने से इनकार कर दिया है। हम बहुत छोटे लोग हैं, लेकिन हम दिल्ली के दो करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। एलजी ने एक तरह से दिल्ली की जनता का अपमान किया है।